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दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र तंबाकू के खिलाफ हुआ खड़ा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 29 July 2013 10:17:50 AM

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नई दिल्‍ली। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन-एफसीटीसी के कार्यान्वयन पर 4 दिन की क्षेत्रीय बैठक नई दिल्ली में 23 से 26 जुलाई तक हुई, जिसमें में कई मुख्य मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में भाग लेने वाले पक्षों के सामान्य सुझाव, सिफारिशें, कार्यान्वयन अनुभव, उपलब्धियों एवं चुनौतियों पर अद्यतन जानकारी प्रस्‍तुत की गई। तिमोर लेस्टे को छोड़कर दक्षिण पूर्व क्षेत्र के सभी देशों ने तंबाकू नियंत्रण कानून बना लिए हैं। विभिन्न कानून लागू किए जा रहे हैं और देश तंबाकू उद्योग की याचिका सहित सामने आ रही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। देशों को अपने अनुभवों खासतौर से अन्य पक्षों से समयबद्ध ढंग से जानकारी तक पहुंच सुगम बनाने के लिए प्रासंगिक फैसलों को सचिवालय के साथ द्विपक्षीय या ब्यूरो सदस्य के जरिए साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
अनेक देशों ने बताया है कि तंबाकू नियंत्रण कानूनों को लागू करने में कमजोरी सामने आ रही है क्योंकि संसाधनों और समर्पित फंड का अभाव है। समन्वय तंत्र का अभाव, व्यवस्था को पूरी तरह अनुकूल नहीं बनाया गया है। सभी देशों के पास राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण मुख्य बिंदु हैं, समर्पित स्टाफ सीमित संख्या में है, लेकिन बजटीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं। समुचित नीति समन्वय तंत्र की स्थापना सहित बहु-क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करने की जरूरत है। पक्षों ने याद दिलाया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन-एफसीटीसी अनुच्छेद 2.1 में संधि के विशेष प्रावधान :” पक्षों को संधि और उसके प्रोटोकोल द्वारा अपेक्षित के अलावा उपायों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है..” के अलग लागू करने के लिए उपाय भी उपलब्ध कराती है।
तंबाकू उत्पादों में अवैध व्यापार के उन्मूलन के लिए प्रोटोकोल अवैध कारोबार के सभी पक्षों को प्रभावित करता है। यह प्रोटोकोल अवैध कारोबार से संघर्ष के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए आधार उपलब कराएगा। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से एक एफसीटीसी पक्ष (म्यांमा) प्रोटोकोल पर हस्ताक्षर किए हैं। क्षेत्र में अन्य पक्ष हस्ताक्षर के लिए तैयारी की प्रक्रिया में हैं। हस्ताक्षर और प्रोटोकोल की अभिपुष्टि के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंट्री और क्षेत्रीय अधिकारियों सहित सभी संबंधित एजेंसियों को संलग्न करने के लिए पक्षों को आमंत्रित किया गया है। यह अभिव्यक्त किया गया है कि सरकारों में आंतरिक चर्चा मुश्किल है, क्योंकि प्रोटोकोल में दायित्वों को लागू करने संबंधी प्रश्न लंबित हैं और इन पर कितनी लागत आएगी यह सवाल भी खड़ा है।
सभी पक्ष सहमत हैं कि डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी के अनुरूप कानून बनाना और संशोधन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन इन उपायों को लागू करना महत्वपूर्ण चुनौती बना हुआ है। यह प्रस्ताव किया गया कि अगली क्षेत्रीय बैठक में इसे लागू करने पर चर्चा का घटक शामिल किया जाना चाहिए। तंबाकू उद्योग की सशक्त लॉबी क्षेत्र में ज्यादातर पक्षों के लिए चुनौती है। ज्यादातर पक्षों के लिए विशेष चिंता की बात धुएं विहीन तंबाकू का उपयोग और नियमन है। अनुच्छेद 8 क्षेत्र में ऐसे पक्ष हैं, जो 100 प्रतिशत धुएं विहीन क्षेत्र का प्रावधान लागू कर चुके हैं। नेपाल ने निजी आवासों और निजी वाहनों में धूम्रपान प्रतिबंधित कर दिया है। ज्यादातर देशों में स्कूलों के परिसरों में बिक्री पर प्रतिबंध सहित मौजूदा प्रतिबंध चुनौती है। धुएं विहीन उपायों को लागू करने में कई चुनौतियां हैं जैसे-मौजूदा कानूनों और विनियमों को लागू करना। पूरी प्रक्रिया में तंबाकू उद्योग का हस्तक्षेप और उद्योग के हस्तक्षेप से निपटने में सीमित अनुभव एवं क्षमता। यह सुनिश्चित करना कि सभी संबंधित सरकारी एजेंसी कार्यान्वयन एवं प्रवर्तन में सक्रिय रहें। स्थानों को डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी के पूरी तरह अनुकूल 100 प्रतिशत धुआं विहीन बनाना।
अनुच्छेद 11 में क्षेत्र में 3 देशों ने विशाल चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी के लिए कानून बनाया है और तंबाकू उद्योग की कानूनी चुनौती का सामना कर रहे हैं। ये हैं-थाइलैंड (85 प्रतिशत), नेपाल (75 प्रतिशत), श्रीलंका (80 प्रतिशत) भारत में प्लेन पैकेजिंग पर सार्वजनिक बहस चलाई गई है, जब तक उसे लागू नहीं किया जाता, तब तक यह वांछनीय है कि विशाल स्वास्थ्य चेतावनी शुरू की जाएं। विशाल स्वास्थ्य चेतावनी अपनाने में विशेष चुनौती है। तंबाकू उद्योग का यह दावा है कि डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी सिर्फ उन स्वास्थ्य चेतावनियों का संदर्भ देता है जो (मुख डिस्प्ले क्षेत्र की 30 प्रतिशत से कतई कम न हों) अनुच्छे 11.1 बी (4) अनुच्‍छेद 12 में तंबाकू नियंत्रण नीतियों और व्यवहार परिवर्तन का लक्ष्य हासिल करने के उद्देश्य से समर्थन जुटाने के लिए तंबाकू नियंत्रण के महत्व के बारे में जनता को शिक्षित किया जाना चाहिए।
देश विशेष की जरूरत के अनुसार अन्य देशों से एडवोकेसी और मीडिया अभियान अपनाए जा सकते हैं। संचार, मीडिया और शिक्षा के लिए जिम्मेदार संबंधित सरकारी एजेंसियों के बीच ज्यादा समन्वय की जरूरत है। अनुच्छेद 12 के प्रभावी कार्यान्वयन में इन एजेंसियों की बराबर जिम्मेदारी होनी चाहिए। डब्ल्यूएचओ और विश्व लंग फाउंडेशन अनुच्छेद 12 संबंधी मामलों में सहायता के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 13 में तंबाकू विज्ञापन, प्रोमोशन और प्रायोजन का पूर्ण प्रतिबंध एकमात्र प्रभावी रास्ता है। देशों को अपने प्रतिबंधों में सीमा पार विज्ञापन भी शामिल करने चाहिएं। प्रतिबंध सभी तंबाकू उत्पादों पर होना चाहिए। कुछ सदस्य देशों में सभी पीएपी का प्रतिबंध है, लेकिन उसे लागू करने में मुश्किलें हैं।
धुआं विहीन तंबाकू उच्च उपयोग प्रचालन, व्यापक विविधता, इसके उपयोग की समाजिक स्वीकृति और इसके विपरीत स्वास्थ्य परिणामों के कारण क्षेत्र में ज्यादातर देशों में गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा करता है। डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी के आंतरिक घटक के रूप में धुएं विहीन तंबाकू पर उचित ध्यान देने के लिए संबंधित देशों का सम्मेलन बुलाया जाएगा। ई-सिगरेट सहित इलेक्ट्रानिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) क्षेत्र में देश ईएनडीएस के मानव स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव को मानते हैं, जो बने रहते हैं और निकोटिन का आदी होने का अपराध मानते हैं। इएनडीएस पर प्रतिबंध के माध्यम सहित निकोटिन का इस्तेमाल कम करने और इसके उपयोग से बचने के लिए डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी के अनुच्छे 5.2 बी के तहत दायित्वों के अनुरूप समुचित कार्रवाई/उपाय करने का इरादा करते हैं।
हुक्का या वाटर पाइप क्षेत्र के देश हुक्के के इस्तेमाल को सख्ती से हतोत्साहित करते हैं तथा इसके इस्तेमाल से बचने के लिए समुचित कानून, प्रशासनिक एवं नियामक उपाय करने पर सहमत हैं। सिविल सोसायटी संगठनों ने भी सहायता दी है और सहायता देने का प्रस्ताव किया है। उदाहरण के लिए विश्व लंग फाउंडेशन ने संकेत दिए कि वह क्षेत्र और देश विशेष के आधार प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए विज्ञापन अभियान में देशों की मदद करेगा। कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रीय अच्छी और बेहतरीन परिपाटियां शुरू हों जैसे-स्वस्थ जीवनशैली का दृष्टिकोण, धार्मिक नेताओं को संलग्न करना, सिन टैक्स लगाना, विशाल चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी, मासिक अपराध समीक्षा में तंबाकू नियंत्रण उपायों के उल्लंघन को शामिल करना, नियमों के बार-बार उल्लंघन के लिए स्कूलों के वास्ते रिपोर्टिंग प्रणाली।
संधि का कार्यान्वयन सुगम बनाने के लिए संधि सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय विकास भागीदारों की ओर से किए जाने वाले उपाय क्षेत्र के पक्ष संधि के कार्यान्वयन को सपोर्ट करने के लिए पक्षों के लिए उपलब्ध संसाधनों के रूप में यूएन सिस्टम की संभावना पर ध्यान देते हैं और संधि के तहत सहायता की व्यवस्था में बढ़ते इंटर एजेंसी योगदान पर महासचिव और इकोसोक की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हैं। संधि सचिवालय दायित्वों विशेषरूप से संधि के समयबद्ध प्रावधानों और सामान्य दायित्वों के संबंध में दायित्वों को पूरा करने के लिए अनुरोध पर सदस्य देशों को सुविधा और या तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएंगे। ऐसी सहायता डब्ल्यूएचओ, अंतर्राष्ट्रीय विकास भागीदारों और सिविल सोसायटी संगठनों के सहयोग से उपलब्ध कराई जाएगी।

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