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Monday 29 July 2013 10:31:03 AM
नई दिल्ली। सरकार के ओएफएस लेनदेनों के प्रति विदेशी संस्थागत निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया आई है। खबरों के मुताबिक भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने सरकार के लेनेदेनों में बेहतर और लाभकारी भूमिका निभाई है, हालांकि यह तथ्यों पर आधारित नहीं है।
वर्ष 2012-13 के दौरान, विनिवेश विभाग ने ऑयल इंडिया लिमिटेड, एनएमडीसी लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड और सेल जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ सात ओएफएस लेनदेनों को पूर्ण किया। सरकार ने सात प्रस्तावों से 23,830 करोड़ रुपये की धनराशि अर्जित की। इस धनराशि में से 39 प्रतिशत धनराशि विदेशी संस्थागत निवेशकों से प्राप्त हुई। करीब 25 प्रतिशत की धनराशि बीमा कंपनियों जैसे एलआईसी और 10 प्रतिशत से कम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से प्राप्त हुई।
चार बड़ी कंपनियों ऑयल इंडिया लिमिटेड, एनएमडीसी लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड और सेल से 22,087 करोड़ रुपये की धनराशि अर्जित की गयी, जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों का योगदान 42 प्रतिशत था। एलआईसी सहित बीमा कंपनियों से 22 प्रतिशत और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित बैंको से 9 प्रतिशत से कम की धनराशि प्राप्त हुई।
सरकार किसी भी प्रस्ताव का मूल्य तय करते समय कंपनी की क्षमता, बाजार की स्थिति, निवेशकों की रुचि और निवेशकों की श्रेणियों की भागीदारी आदि को ध्यान में रख कर एक उचित स्तर का मूल्य तय करती है। सरकारी कंपनियों को स्वाभाविक रुप से मजबूती प्रदान करते हुए सरकारी निर्गम में दीर्घकालीन निवेश अच्छा कदम है, चाहे यह विदेशी संस्थागत निवेशकों अथवा घरेलू संस्थानों जैसे एलआईसी करे।