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Monday 29 July 2013 10:42:31 AM
नई दिल्ली। 'भारतीय विद्युत उपकरण उद्योग मिशन 2022' में कहा गया है कि विद्युत परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए परियोजना स्थल के निकट की सड़कें और पुल भारी उपकरणों को ले जाने वाले वाहनों की क्षमता के अनुरूप होने चाहिएं, जोकि नहीं हैं। राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्ग तो सही हैं, लेकिन ताप विद्युत, जल-विद्युत और परमाणु विद्युत के उत्पादन से जुड़ी परियोजनाओं के निकटवर्ती जिलों में सड़कें और पुल कमजोर होने के कारण भारी उपकरण ले जाने में बड़ी कठिनाई का सामना करता पड़ता है, जिससे परियोजनाओं के पूरे होने में विलंब होता है।
'भारतीय विद्युत उपकरण उद्योग मिशन 2022' हाल ही में भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्री प्रफुल पटेल ने जारी किया था। इस दस्तावेज में कहा गया है कि परियोजना स्थलों की निकट की सड़कों और पुलों की जांच पड़ताल में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीइए) को अहम् भूमिका निभानी चाहिए और राज्य सरकारों के साथ मिलकर उन्हें भारी उपकरणों के परिवहन के काबिल बनवाना चाहिए। वांछित सड़कों और पुलों के निर्माण की लागत संबद्ध परियोजना के खर्च में शामिल की जा सकती है।