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Tuesday 30 July 2013 10:50:50 AM
नई दिल्ली। व्यापार और उद्योग से संबद्ध प्रधानमंत्री की परिषद ने भारतीय अर्थव्यवस्था से जुडें मुद्दों पर चर्चा के लिए कल बैठक की। बैठक में चालू खाता घाटे में सुधार, औद्योगिक मंदी और उसे पटरी पर लाने के उपायों, रूपए में गिरावट तथा उसका व्यापार और उद्योग पर असर, कौशल विकास तथा औद्योगिक गलियारों के विकास पर चर्चा हुई।
बैठक में वित्त मंत्री, वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा परिषद के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए। साथ ही उद्योग जगत से राहुल बजाज, डॉ अशोक गांगुली, मुकेश डी अंबानी, नारायणमूर्ति, आजिम प्रेमजी, स्वाती पिरामल, दीपक पारेख, जमशेद एन गोदरेज़, चंदा कोच्चर, वेणु श्रीनिवासन, सुनील पंत मंजल, एस गोपालाकृष्णन, डॉ राना कपूर, सुनील बी मित्तल, नैनालाल किदवई भी मौजूद थीं।
प्रधानमंत्री ने इनका स्वागत किया और उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों से अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव देने को कहा तथा कुछ वर्गों में अनवश्यक रूप से फैले निराशावाद के माहौल को दूर किया। उसके बाद वित्त मंत्री और वाणिज्य मंत्री ने परिषद को इस एजेंडा पर सरकार के विचारों के बारे में बताया। इन मुद्दों पर काफी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में कुछ लोगों ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं तथा कुछ व्यक्तियों ने इन विषयों में सुधार के लिए ठोस सुझाव दिए।
बैठक में सकारात्मक माहौल बनाने, फैसलों पर अमल करने तथा देश को 8 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि दर की राह पर ले जाने पर ज़ोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने अंत में परिषद को उसके सुझावों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह एक उपयोगी चर्चा रही। प्रधानमंत्री ने अगले 2-3 महीनों में क्या किया जा सकता है, इस पर एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है।