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Tuesday 6 August 2013 11:07:52 AM
नई दिल्ली। आय कर विभाग के संज्ञान में आया है कि अनेक टैक्स घटाने वाले भुगतानों से निर्धारित मात्रा में टैक्स काट तो लेते हैं, लेकिन उसे सरकारी खाते में जान-बूझकर जमा नहीं करते अथवा इस राशि को वे निर्धारित तारीख के बाद भी अपने नियंत्रण में रखे रहते हैं या फिर निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं।
बोर्ड ने कहा है कि निर्धारित तारीख के बाद सरकारी रकम इस प्रकार से रखना एक अपराध है और इस पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 276 बी के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकार के व्यक्ति को अगर उसका अपराध सिद्ध हो गया तो सात वर्ष तक की सश्रम कारावास की सज़ा हो सकती है।
आयकर विभाग की टी डी एस यूनिटें समुचित तरीके से ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए निर्देशित की गईं हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मार्ग दर्शक नियमों में कुछ संशोधन किये हैं, जो ऐसे लोगों की पहचान में सहायक होंगे।