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Tuesday 6 August 2013 11:16:15 AM
नई दिल्ली। अमरीका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने रेनबैक्सी लेबोरेटरी पर 500 मिलियन डॉलर का दंड नहीं लगाया है, लेकिन रेनबैक्सी यूएसए कंपनी ने अमरीका के मेरीलैंड की जिला अदालत में वैसी दवाइयां बनाने और उनका वितरण करने के मामले में अपना दोष स्वीकार किया है, जो दवाइयां उत्पादन व्यवहारों के अनुरूप नहीं थीं और जिसे अमरीकी कानून के मुताबिक मिलावटी दवाइयां माना गया। रेनबैक्सी ने 500 मिलियन अमरीकी डॉलर का जुर्माना भरने पर सहमति दी है।
आज राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने जनहित याचिका को स्वीकार नहीं किया है। अमरीकी कानून के मुताबिक अगर कोई दवा अच्छे उत्पादक मानकों जीएमपी के अनुरूप नहीं बनाई जाती या उसका प्रसंस्करण नहीं किया जाता या अच्छे ढंग से दवा की पैकिंग नहीं की जाती तो उसे मिलावटी दवा माना जाता है, लेकिन भारत के औषधि तथा सौंदर्य प्रसाधन कानून के मुताबिक अच्छे उत्पादक व्यावहार के अनुरूप नहीं बनाई गई दवाओं को जीएमपी का पालन नहीं करने के रूप में देखा जाता है।
भारत के औषधि नियंत्रक को यह आदेश दिया गया है कि वे भारत में रेनबैक्सी की दवा बनाने संबंधी सुविधाओं में जीएमपी के पालन के बारे में समीक्षा करें और पता करें कि दवाइयों की गुणवत्ता क्या है।