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Sunday 11 August 2013 08:39:55 AM
नई दिल्ली। नए कानून से कंपनी सचिवों को कॉरपोरेट प्रबंधन व्यवसायियों के रूप में परिवर्तित कर इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज़ आफ इंडिया (आईसीएसआई) ने संसद में पारित नए कंपनी कानून यानी कंपनी विधेयक 2012 का स्वागत किया है। आईसीएसआई काउंसिल के अध्यक्ष एसएन अनंत सुब्रमण्यम ने इसको आधुनिक विकासोन्मुखी और दूरगामी बताया है। उन्होंने कहा कि नए कानून से कारपोरेट प्रशासन के मानदंडों में सुधार होगा, जानकारी और पारदर्शिता बढ़ेगी, इससे उद्यमों को जिम्मेदार बनाने में मदद मिलेगी, कंपनी प्रबंधकों और लेखा परीक्षकों की जवाबदेही बढ़ेगी तथा निवेशकों, विशेषकर छोटे और अल्पसंख्यक निवेशकों के हितों का संरक्षण किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इससे शेयरधारण प्रणाली को लोकतांत्रिक बनाने और कारपोरेट जगत का सामाजिक दायित्व निर्धारित करने में सहायता मिलेगी। अनंत सुब्रमण्यम ने कहा कि यह कानून व्यापक स्तर पर सभी संबद्ध पक्षों जैसे प्रोमोटरों शेयरधारकों और आम लोगों के हितों के बीच संतुलन स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि नए कंपनी कानून से कंपनी सचिवों को कारपोरेट प्रशासन व्यवसायियों में परिवर्तित करने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रबंध निदेशक, प्रबंधक, पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में मान्यता दी जा सकेगी। कंपनी सचिव कंपनी का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी बन सकेगा और प्रशासनिक उपायों में कंपनी का नेतृत्व कर सकेगा। इसके अलावा नए कानून में सचिवालयी लेखा परीक्षा, पुनर्गठन, नकदीकरण, मूल्यांकन और ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में कंपनी सचिवों के लिए व्यापक भूमिका का प्रावधान किया गया है।