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घबराई कांग्रेस की खाद्य सुरक्षा बिल के लिए लॉबिंग

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Tuesday 13 August 2013 08:39:49 AM

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नई दिल्‍ली। उपभोक्‍ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रोफेसर केवी थॉमस ने कहा है कि प्रस्‍तावित राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक एक अनूठी पहल है, जिसके तहत लोगों को सस्‍ती दरों पर भोजन और पोषण सुरक्षा प्रदान की जाएगी। वे आज यहां इस्‍केप के ‘साउथ एशिया पॉलिसी डायलॉग ऑन रीजनल कोऑपरेशन फॉर स्‍थ्रेंथनिंग नेशनल फूड सिक्‍योरिटी स्‍ट्रेटेजीस’ सम्‍मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। यह सम्‍मेलन दक्षिण एशिया में खाद्य सुरक्षा संबंधी रणनीतियों को मजबूत बनाने के उपायों पर विचार करने के लिए आयोजित किया गया। उन्‍होंने कहा कि दक्षिण-एशियाई देशों का अतीत तो साझा है ही, लेकिन भविष्‍य भी साझा है। उन्‍होंने कहा कि गरीबी हमें पीछे खींच रही है, लेकिन हम अपने लोगों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की ओर अपने कदम बढ़ाते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि हम ‘लोक: समस्‍त सुखिनो भवन्‍तु’ (समस्‍त विश्‍व प्रसन्‍न एवं समृद्ध हो) के सिद्धांत का पालन करते हैं और हम अपनी विशेषज्ञता, बुद्धिमत्‍ता, मित्रता, प्रेम तथा समझदारी बांटने से पीछे नहीं हटेंगे।
प्रोफेसर थॉमस ने कहा कि महिलाओं और बच्‍चों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। अधिनियम में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राशन कार्ड जारी करने के लिए घरों में 18 वर्ष से ऊपर की अधिकतम आयु वाली महिला को घर का मुखिया माना जाएगा। गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को 6000 रुपये का मा‍तृत्‍व लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्‍चों को पोषक भोजन दिया जाएगा। कुपोषित बच्‍चों को भी अधिक पोषण वाला भोजन प्रदान किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि इतने बड़े पैमाने पर चलने वाले सामाजिक न्‍याय कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन में शिकायतें पैदा होती हैं, जिन्‍हें दूर करने के लिए पंचायती राज संस्‍थानों और महिलाओं के स्‍व-सहायता कार्यक्रमों की भूमिका बढ़ाई जाएगी, ताकि इसकी ठीक से निगरानी की जा सके।
खाद्य मंत्री ने इस सम्‍मेलन का आयोजन करने के लिए इस्‍केप साउथ और दक्षिण-पश्चिम एशिया कार्यालय को बधाई देते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा रणनीतियों को कारगर बनाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की परम आवश्‍यकता है, ताकि हमारी आबादी को खाद्य सुरक्षा प्राप्‍त हो सके। उन्‍होंने दक्षिण एशियाई देशों के प्रतिनिधियों का भी स्‍वागत किया। प्रोफेसर थॉमस ने कहा कि 2018 तक भारत की आबादी एक अरब 30 करोड़ तक हो जाने का अनुमान है, इसलिए हमें इस बात की जरूरत है कि वर्तमान समय में हम अपनी जनता की खाद्य आवश्‍यकताओं का ध्‍यान रखें और यह भी जरूरी है कि आने वाले समय में जब आबादी बढ़ेगी तो उस समय पैदा होने वाली भोजन चुनौतियों से निपटने की भी तैयारी करें। उन्‍होंने कहा कि हम जमीन तो नहीं बढ़ा सकते, लेकिन उपलब्‍घ जमीन की पैदावार बढ़ाने के लिए नई तकनीकें जरूर खोज सकते हैं।
राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के महत्‍पूर्ण अंशों का उल्‍लेख करते हुए प्रोफेसर थॉमस ने कहा कि यह कानून लागू हो जाने के बाद आबादी के दो तिहाई हिस्‍से को उच्‍च सब्सिडी वाला अनाज प्राप्‍त करने का अधिकार मिल जाएगा। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक पात्र व्‍यक्ति को प्रति माह 5 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा, जिनमें तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल, दो रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं और एक रुपये प्रति किलोग्राम मोटा अनाज शामिल है। अंत्‍योदय अन्‍न योजना के अंतर्गत निर्धनतम व्‍यक्ति को प्रति माह, प्रति घर 35 किलोग्राम अनाज दिया जा रहा है, उन्‍हें अनाज प्राप्‍त होता रहेगा।

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