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Sunday 18 August 2013 10:42:55 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कुशलता प्रमाणन और मौद्रिक पुरस्कार योजना की शुरूआत की, जिसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। यह देश में अपनी तरह की पहली योजना है। वित्तमंत्री ने पहली बार पिछले वित्त वर्ष में इसे प्रस्तावित किया था। इसके लिए उन्होंने 1000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया था, ताकि देश का युवा वर्ग व्यावसायिक कुशलता हासिल करने के लिए प्रेरित हो सके। उम्मीद की जाती है कि इस योजना के लागू होने के पहले साल करीब 10 लाख युवा लाभान्वित होंगे।
स्टार (मानक प्रशिक्षण आकलन एवं पुरस्कार) ब्रांड से प्रचारित इस योजना के तहत दी जाने वाली पुरस्कार राशि उन छात्रों के लिए वित्तीय मदद ही होगी, जो नई कुशलता हासिल करना चाहते हैं या अपनी मौजूदा कुशलता को और बढ़ाना चाहते हैं। योजना की शुरूआत करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार देश के युवा वर्ग की कुशलता में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्टार नाम से शुरू यह योजना राष्ट्रीय कुशलता मिशन लक्ष्य को हासिल करने की सरकार की प्रतिबद्धता का दूसरा सबूत है। चिदंबरम ने बताया कि 2004-05 और 2009-10 के दौरान देश भर में 2 करोड़ नए रोज़गार का सृजन हुआ था, जिससे बेरोज़गारी दर 8.3 से घटकर 6.6 फीसदी पर आ गई थी।
राष्ट्रीय कुशलता मिशन के तहत 2022 तक 50 करोड़ अतिरिक्त कुशल श्रमिकों की उपलब्धता बढ़ेगी, जबकि राष्ट्रीय कुशलता विकास निगम के तहत इस दिशा में काम कर रहे निजी क्षेत्रों की ओर से 15 करोड़ कुशल श्रमिक तैयार होंगे, वहीं केंद्र में 18 मंत्रालयों के प्रयास से भी 35 करोड़ कुशल श्रमिक तैयार हो जाएंगे। अपने मंत्रालय की ओर से पूरा भरोसा दिलाते हुए ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि ये अपेक्षित है कि मनरेगा के तहत साल में 100 दिन का काम पा रहे प्रत्येक परिवारों में से एक सदस्य कुशलता हासिल करे। स्टार योजना की प्रमुख बातें हैं- योजना को राष्ट्रीय कुशलता विकास निगम लागू करेगा और प्रत्येक प्रमाणित प्रशिक्षु को प्रशिक्षण खर्च के रुप में औसतन 10 हज़ार रुपये मिलेंगे।