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Wednesday 21 August 2013 02:38:06 AM
नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का आधार कार्ड फर्जीवाड़े के खिलाफ कारगर हथियार का काम कर रहा है। यह ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाईसी) की पूरी प्रक्रिया को कागज विहीन, सुरक्षित और फायदेमंद भी बना रहा है। सरकार इस पर पूरा ध्यान दे रही है, यदि यह प्रयोग सफल हुआ तो इससे तत्काल पहचान और नागरिकता प्रमाणित करने की समस्या बहुत हद तक समाप्त हो सकेगी। प्राधिकरण को उम्मीद है कि केवाईसी की प्रक्रिया इलैक्ट्रोनिक हो जाने से ग्राहकों को सुविधा रहेगी और वे आसानी से पहचान और पता दाखिल कर सकेंगे। ग्राहकों के वर्तमान खातों में भी आधार नंबर आ जाएगा। वित्त मंत्रालय पहले ही ई-केवाईसी को वित्तीय सेवाओं के लिए एक वैध दस्तावेज घोषित कर चुका है। ई-केवाईसी सेवा का उपयोग करके नागरिक, प्राधिकरण को केवाईसी संबंधी जानकारी उनके सेवा प्रदाता को उपलब्ध कराने के लिए अधिकृत कर सकेंगे। तब प्राधिकरण संबद्ध नागरिक का नाम, पता, जन्म तिथि, लिंग, फोटो मोबाइल नंबर और ई-मेल आदि सेवा प्रदाता को उपलब्ध करा सकेंगे।
आधार केवाईसी सेवा की मुख्य विशेषताएं हैं-कागज विहीन। यह सेवा पूर्ण रूप से इलैक्ट्रोनिक है और इसमें कागजी दस्तावेजों की प्रबंधन की आवयकता नहीं पड़ेगी। सहमति पर आधारित है। आधार प्राधिकरण केवाईसी संबंधी जानकारी संबद्ध नागरिक की सहमति से ही किसी को उपलब्ध कराएगा और इस तरह नागरिक की निजता सुरक्षित रहेगी। दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा समाप्त होगा। इस प्रक्रिया में विभिन्न दस्तावेजों की फोटो प्रतियों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। प्राधिकरण ही ई-केवाईसी डेटा सेवा प्रदाता को उपलब्ध कराएगा, इसलिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा संभव नहीं होगा। आई टी कानून के अनुरूप सुरक्षित। डेटा हस्तांतरण की प्रक्रिया सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 के अनुरूप होगी और इसमें डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। कम लागत रहेगीजिसमें प्रमाणिक कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं रहने से उस प्रक्रिया से तैयार केवाईसी पर लागत बहुत कम हो जाएगी। तात्कालिकता-यह सेवा पूर्ण रूप से स्वचालित होगी, इसलिए इसमें केवाईसी डेटा तत्काल उपलब्ध हो सकेगा।
ई-केवाईसी में दस्तावेजों और फोटो कापी आदि को इधर-उधर ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस तरह उनकी दस्तावेजों की चोरी अथवा उन्हें कहीं भूल जाने से होने वाली कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे पर्यावरण को लाभ पहुंचेगा। कोई कागज नहीं तो कोई कूड़ा करकट भी नहीं। वह ग्राहकों की तरह सेवा प्रदाताओं के लिए भी उतना ही सुविधाजनक और लाभकारी रहेगा। इसके अलावा नियामक संस्थाएं भी तत्काल किसी भी केवाईसी पर नजर रख सकेंगी। आधार 12 अंकों का व्यक्तिगत पहचान नंबर है, जो भारत में हर जगह पहचान और पते का प्रमाण माना जाता है। कोई भी व्यक्ति चाहे उसका लिंग कोई भी हो और वो भारत का नागरिक हो, वह नि:शुल्क आधार नंबर प्राप्त कर सकता है। यह आधार नंबर पूरे जीवन के लिए वैध होगा। आधार हर व्यक्ति को, जिसके जनसांख्यिकीय सूचना एवं बॉयोमेट्रिक्स के आधार पर पहचान प्रदान करता है। इससे पूरे देश में सभी सरकारी और निजी एजेंसियों को व्यक्ति विशेष की पहचान के बारे में सूचना मिल जाती है।
आधार शब्द का अर्थ बुनियाद होता है। इसके आधार पर सभी प्रणालियां काम करती हैं। इसका उपयोग भारत का नागरिक अपनी पहचान बताने के लिए कर सकता है। इसके आधार पर कोई भी व्यक्ति कई कार्यक्रमों से लाभ उठा सकता है जैसे-भोजन एवं पोषण- सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद्य सुरक्षा, मिड-डे मील, एकीकृत बाल विकास योजना। रोज़गार-महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना, इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री रोज़गार गारंटी योजना। शिक्षा- सर्वशिक्षा अभियान, शिक्षा का अधिकार, समावेश एवं सामाजिक सुरक्षा-जननी सुरक्षा योजना, प्राचीन जनजातीय समूहों का विकास, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्ध पेंशन योजना। स्वास्थ्य-राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, जनाश्री बीमा योजना, आम आदमी बीमा योजना।
आधार कार्ड मतदाता पहचान पत्र, पेन कार्ड, संपत्ति की खरीद-फरोख्त जैसे अन्य उद्देश्यों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के तहत जिन लोगों को मौद्रिक लाभों के योग्य पाया गया है, उन लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि का सीधा हस्तांतरण होगा। यह खाते आधार नंबर से जुड़े होंगे। फिलहाल अभी तक बड़ी संख्या में लाभार्थियों को आधार कार्ड दिया जाना बाकी है। इसी वजह से लाभों को बिना आधार नंबर के भी बैंक खातों में जमा किया जा रहा है। रसोई गैस के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के अंतर्गत आधार नंबर वाले सभी उपभोक्ताओं, जिनके बैंक खाते आधार नंबर से जुड़े हैं, उन सभी को सिलेंडर बुक करने के अवसर पर प्रति सिलेंडर 435 रुपये की अग्रिम राशि दी जा रही है। रसाई गैस बाजार कीमत पर उपलब्ध किये जाएंगे, लेकिन इस पर दी जाने वाली सब्सिडी की रकम उनके खातों में अपने आप चली जायेगी।
आधार वित्तीय समावेश का एक महत्वपूर्ण उपाय है। आधार कार्ड के बल पर निर्धन व्यक्ति भी बैंकों में खाता खोलने के लिए अपनी पहचान दे सकता है। वे इसे रेल यात्रा के दौरान भी पहचान प्रमाण के तौर पर अपने साथ रख सकते हैं। आधार कार्डों के बैंक खातों से जुड़े होने के कारण ग्रामीण नागरिक एक दूसरे के साथ तथा कंपनियों के साथ अपने गांव से बाहर इलैक्ट्रोनिक रूप से लेन-देन कर सकते हैं। इससे उनकी नकदी पर निर्भरता कम होगी। एक बार जब आधार आधारित सूक्ष्म-भुगतान प्रणाली काम करने लगेगी, तब सूक्ष्म-ऋण, सूक्ष्म-बीमा, सूक्ष्म-पेंशन और सूक्ष्म-म्यूचुअल फंड जैसे अन्य वित्तीय कार्य भी सुगम हो जायेंगे। आधार कार्ड से भारत के प्रत्येक नागरिक को जीवन भर के लिए निर्धारित पते का प्रमाण प्राप्त हो जाता है, इसका उपयोग भुगतान पते के लिए भी किया जा सकता है। सेवा प्रदाताओं को प्रत्येक व्यक्ति के मोबाईल नंबर और ई-मेल पते का प्रमाण भी प्राप्त हो जाता है, जिससे सेवा देने में और सुविधा होती है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के डिजिटल तौर पर हस्ताक्षरित इलैक्ट्रोनिक्स केवाईसी डाटा को मशीन से पढ़ा जा सकता है। इसके ज़रिये सेवा करदाता सेवाओं, खाता निरीक्षण इत्यादि के लिए सूचनाओं को अपने ग्राहक के रिकार्ड में सीधे दाखिल कर सकता है। ऐसा करने से मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जायेगा और प्रक्रिया सस्ती हो जायेगी एवं गलती की संभावना कम हो जायेगी। ई-केवाईसी सेवा को आधार नंबरों के जरिये मौजूदा लाभार्थियों के रिकार्डों से जोड़ा जा सकता है। उदाहरण के लिए आधार के साथ मौजूदा राशन कार्डों, पेंशन खातों, छात्रवृत्तियों आदि को जोड़ना। इससे दो तरफा लाभ होगा, जैसे-प्रतिलिपि और नकली पहचान की संभावना समाप्त हो जायेगी। इससे यह भी सुनिश्चित हो जायेगा कि लक्षित लाभार्थियों तक लाभ पहुंच सकें। राशन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, जाति प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण-पत्र आदि जैसे विभिन्न सरकारी दस्तावेज़ों को प्राप्त करने के लिए आवेदन करेगा, उसे ई-केवाईसी की सेवा से तुरंत, प्रभावशाली और सटीक पहचान के आधार पर सेवा प्राप्त हो जायेगी।