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Friday 23 August 2013 09:27:19 AM
नई दिल्ली। इराक के प्रधानमंत्री नूरी कामिल अल-मलिकी ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, इराक के साथ अपने सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों को अहमियत देता है। दोनों देशों के ऐतिहासिक रिश्ते महान मैसोपोटामिया के दौर से जारी हैं और हर साल हजारों भारतीय नजफ और करबला के पवित्र स्थलों की यात्रा पर जाते हैं। इराक में लोकतंत्र के उदय के साथ दोनों देशों के रिश्ते एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि इराक भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। यह परस्पर लाभदायक भागीदारी है। भारत, तेल उत्पादन में इक्विटी भागीदारी, तेल खनन, पेट्रो रसायन परिसरों, उर्वरक सयंत्रों आदि में संयुक्त उद्यमों के माध्यम से क्रेता-विक्रेता के इस रिश्ते का आधार व्यापक बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि इराक के प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान विभिन्न सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये जायेंगे, जो दोनों देशों के बीच सहयोग व्यापक बनाने के लिए संस्थागत प्रारूप की स्थापना करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, इराक की प्रगति और विकास के लिए प्रतिबद्ध भागीदार है और वह ऐसे ही रहेगा ताकि, इराक पुनर्निर्माण के प्रयास कर सके। भारत इराक की अवसंरचना और संस्थाओं के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में उसकी सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। भारतीय उद्यमी और भारतीय उद्योग इराक के साथ संपर्क बनाने के लिए बेताब हैं।
इराक के प्रधानमंत्री ने भी गर्मजोशी से ऐसे ही उद्गार व्यक्त किये और कहा कि भारत और इराक दो मित्र देश हैं, जो अपने संबंधों को सशक्त तथा उच्च स्तरीय संपर्क को बरकरार रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और इराक एक दूसरे के पूरक हैं। भारत को ऊर्जा की आवश्यकता है, जबकि इराक को रोज़गार सृजन के लिए निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में भारत के अनुभव की दुनियाभर में सराहना होती है और इराक भारत के अनुभव से बहुत कुछ सीख सकता है।