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वस्‍त्र-डिजाइन प्रदर्शनियां एवं व्‍यापार मेले

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Monday 26 August 2013 08:54:52 AM

नई दिल्‍ली। वस्‍त्र मंत्रालय में राज्‍यमंत्री पनबाका लक्ष्‍मी ने लोकसभा में बताया कि पिछले 3 वर्षों के दौरान पिछड़े क्षेत्रों सहित देश में हथकरघा क्षेत्र में कुल 1858 घरेलू कार्यक्रम तथा 666 हस्‍तशिल्‍प प्रदर्शनियां आयोजित की गईं। चालू वर्ष (जुलाई 2013 तक) के दौरान 242 घरेलू कार्यक्रमों तथा 16 अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता को अनुमोदन दे दिया गया है। पिछले 3 वर्षों के दौरान 68 अंतर्राष्‍ट्रीय हथकरघा कार्यक्रमों में प्रतिभागिता को अनुमोदन दिया जा चुका है तथा 67.41 करोड़ रूपये मूल्‍य के आदेश बुक कर दिए गए हैं।
उन्‍होंने बताया कि सरकार एकीकृत विद्युतकरघा क्षेत्र विकास योजना (आईएसपीएसडी) को क्रियान्वित कर रही है, इस योजना के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों के दौरान विद्युतकरघा उत्‍पादों के विपणन विकास हेतु देशभर में कुल 42 क्रेता विक्रता बैठकें (बीएसएम) आयोजित की गईं। विद्युतकरघा बुनकर देश में क्षेत्रीय एवं क्‍लस्‍टर स्‍तर पर अपने उत्‍पादों को बेचने के लिए बीएसएम में भाग ले रहे हैं। आईएसपीएसडी, 12वीं योजना की शेष अवधि हेतु अनुमोदन के अध्‍यधीन है, यद्‍यपि चालू वर्ष के दौरान एक बीएसएम आयोजित की गई है।
सरकार भविष्‍य में उपर्युक्‍त योजनाओं के अंतर्गत प्राप्‍त हुए व्‍यवहार्य प्रस्‍तावों की संख्‍या एवं निधि की उपलब्‍धता के आधार पर ऐसी और प्रदर्शनियों के आयोजन का प्रस्‍ताव करती है। अंतर्राष्‍ट्रीय प्रदर्शनियों, मेलों के लिए जिन कारीगरों को शिल्‍प गुरू अवार्ड तथा राष्‍ट्रीय अवार्ड प्रदान किए गए हैं, उन्‍हें 10 लाख रूपये प्रतिवर्ष की बिक्री की शर्त के अध्‍यधीन अथवा जो पिछले वर्ष में कम से कम दो लाख रूपए का हस्‍तशिल्‍प सामान निर्यात कर चुके हों और उससे पिछले वर्ष में कुल निर्यात 50 लाख रूपए से अधिक का न हो, विदेशों में मेलों, उत्‍सवों में उनकी प्रतिभागिता पर विचार किया जाता है।
सरकार जिन योजनाओं के अंतर्गत देश में हस्‍तशिल्‍प संवर्धन एवं विकास हेतु विभिन्‍न क्रियान्‍वयन एजेंसियों जैसे केंद्रीय, राज्‍य हस्‍तशिल्‍प निगमों, शीर्ष सोसाइटियों, एनजीओ को वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराती है वे हैं- बाबा साहब अंबेडकर हस्‍तशिल्‍प योजना, विपणन एवं सहयोग सेवा योजना, डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी उन्‍नयन योजना, अनुसंधान एवं विकास योजना, मानव संसाधन विकास योजना और हस्‍तशिल्‍प कारीगर व्‍यापक कल्‍याण योजना।
पनबाका लक्ष्‍मी ने एक अन्‍य प्रश्‍न के उत्‍तर में बताया कि पटसन उद्योग के समग्र विकास और पटसन क्षेत्र की वृद्धि के लिए 355.55 करोड़ रूपये के कुल परिव्‍यय के साथ एक प्रमुख पहल के रूप में पटसन प्रौद्योगिकी मिशन (जेटीएम) आरंभ किया गया था। जेटीएम के अंतर्गत, पटसन क्ष्‍ेत्र के समग्र विकास के लिए लघु मिशन के तहत अनेक योजनाएं प्रचालन में थी। लघु मिशन-4 की व्‍यवस्‍था पटसन उद्योग के आधुनिकीकरण, कौशल उन्‍नयन, बाजार संवर्धन तथा निर्यात के लिए की गई जो पटसन, पटसन उत्‍पादों के प्रयोग में वृद्धि करने में मदद करता है।
पटसन, पटसन उत्‍पादों के प्रयोग में वृद्धि के उद्देश्‍य से सरकार पटसन पैकेजिंग सामग्री (पैकेजिंग वस्‍तुओं में अनिवार्य प्रयोग) अधिनियम 1987 के अंतर्गत पटसन में खाद्यान्‍न एवं चीनी का कुछ प्रतिशत अनिवार्य पैकेजिंग के लिए व्‍यवस्‍था करती है। भारत सरकार पटसन विविधिकृत उत्‍पादों (जेडीपी) के उत्‍पादन में वृद्धि करने के उद्देश्‍य से पटसन में गहन अनुसंधान को प्रोत्‍साहित करती है। पटसन जैव टैक्‍सटाइल (जेजीटी) का संवर्धन महत्‍वपूर्ण विविधिकृत पटसन उत्‍पादों में से एक है, जिसमें बड़े स्‍तर के अनुप्रयोगों की भारी संभावना है।
वस्‍त्र मंत्रालय के अधीन राष्‍ट्रीय पटसन बोर्ड (एनजेबी) एक सांविधिक निकाय देश और विदेश में पटसन, पटसन उत्‍पादों के प्रयोग के संवर्धन, बढ़ावा देने के लिए पटसन सामानों के प्रयोग को बढ़ाने के लिए नए बाजार अवसरों का पता लगाता है। राष्‍ट्रीय पटसन बोर्ड (एनजेबी) पटसन सामानों के प्रयोग को बढ़ाने के लिए नए बाजारों की तलाश हेतु भारत और विदेश में नियमित रूप से व्‍यापार मेलों का आयोजन करता है।

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