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Monday 26 August 2013 08:57:50 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ के अपने संविधान में संशोधन करने के फैसले का स्वागत किया है। रविवार को संघ की जनरल बॉडी की बैठक आयोजित होने और संविधान को खेल संहिता के अनुरूप बनाने के लिए उसमें संशोधन करने पर सहमति हुई है। बैठक में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के पर्यवेक्षकों ने भी हिस्सा लिया। हालांकि संशोधन अब तक आधिकारिक तौर पर सरकार को उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय समझता है कि खेल संहिता में निर्धारित आयु एवं कार्यकाल संबंधी प्रतिबंध मोटे तौर पर इसमें अपनाये गये हैं। भारत सरकार ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है और वह इसे सही दिशा में उठा कदम मानती है।
युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और खेल सचिव पीके देव ने आईओसी के पर्यवेक्षकों फ्रांसियो, एलिजायद,जिरोम पोवे और ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (ओसीए) के हैदर ए फरमान से मुलाकात की और उनसे यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया कि भारतीय ओलंपिक संघ में नैतिकता के उच्च मापदंड बरकरार रहे। सरकार ने स्पष्ट शब्दों में इस बात पर जोर दिया कि आपराधिक और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति को आईओए के चुनाव में हिस्सा लेने की इजाजत न दी जाए।
भारत सरकार ने जोर दिया है कि भारतीय खिलाड़ियों को राष्ट्रीय ध्वज के तले अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाए और अगर आईओसी तथा आईओए का विवाद जल्द न सुलझे, तो इस उद्देश्य के लिए वैकल्पिक सक्षम तंत्रों पर विचार किया जाए। भारत सरकार ने इस बात का भरसक प्रयास किया कि आईओसी और एनएसएफ के मतभेद दूर हो जाएं। आशा व्यक्त की गई है कि इस बैठक का समापन ओलंपिक दायरे में भारत की वापसी से होगा।