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Wednesday 28 August 2013 08:28:53 AM
नई दिल्ली। बढ़ते व्यापार घाटे और उसके परिणामस्वरूप बढ़ रहे चालू खाते के घाटे को देखते हुए मुद्रा विनिमय प्रबंध, समझौतों की भूमिका की जांच करने की आवश्यकता महसूस की गई है, ताकि इस मुद्दे के समाधान के लिए संभावित हल सुझाया जा सके। यह निर्णय किया गया है कि मुद्रा विनिमय प्रबंध, समझौतों की समीक्षा के लिए एक कार्यदल का गठन किया जाये। यह कार्यदल 4 सप्ताह के भीतर अपनी सिफारिशें वाणिज्य विभाग को सौंपेगा।
कार्यदल को इन विषयों पर विचार करना है-विभिन्न प्रकार के मुद्रा विनिमय समझौतों, प्रबंधों की जांच करना और भारत के व्यापार एवं वित्तीय प्रणाली पर उनके प्रभाव का अध्ययन करना। भारत के व्यापार के लिए मुद्रा विनिमय समझौते, प्रबंध के लाभ-हानि का अध्ययन करना। भारत और चुने हुए देशों के बीच मुद्रा विनिमय प्रबंध, समझौते की संभावनाओं का पता लगाना और तदनुरूप सिफारिशें करना। कार्यदल मेंजो अधिकारी शामिल होंगे वो हैं-अपर सचिव, व्यापार नीति प्रभाग, वाणिज्य विभाग-अध्यक्ष, आर्थिक कार्य विभाग के कम से कम संयुक्त सचिव स्तर के प्रतिनिधि, वित्तीय सेवाएं विभाग के कम से कम संयुक्त सचिव स्तर के प्रतिनिधि, आर्थिक सलाहकार, वाणिज्य विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधि, भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि, आयात निर्यात बैंक के प्रतिनिधि, फिक्की और सीआईआई से उद्योग जगत के प्रतिनिधि, ईईपीसी और एफआईईओ से प्रतिनिधि, कार्यदल के अध्यक्ष द्वारा मनोनीत कोई अन्य सदस्य, संयुक्त सचिव, व्यापार नीति प्रभाग-सदस्य सचिव।