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आरटीआई-एक भ्रष्‍टाचार निरोधी उपकरण

केंद्रीय सूचना आयोग का हुआ वार्षिक अधिवेशन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 6 September 2013 10:04:48 AM

omar abdullah

नई दिल्‍ली। केंद्रीय सूचना आयोग का दो दिवसीय आठवां वार्षिक अधिवेशन मंगलवार को नई दिल्‍ली में जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला के समापन भाषण के साथ संपन्‍न हो गया। अधिवेशन का उद्घाटन सोमवार को राष्‍ट्रपति ने किया था। जाने-माने इतिहासकार और स्‍तंभकार रामचंद्र गुहा ने भारत में लोकतंत्र मिडलाइफ क्राइसिस पर अपना मुख्‍य भाषण दिया। इस वर्ष के अधिवेशन का मूल विषय ‘सूचना के अधिकार के आठ वर्ष : एक दृष्टि’ था। दो दिन तक चले अधिवेशन में तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें सूचना का अधिकार और समग्र विकास, सूचना का अधिकार-एक भ्रष्‍टाचार निरोधी तंत्र तथा मीडिया और आरटीआई विषयों पर प्रख्‍यात विद्वानों ने भाग लिया।
मंगलवार
को अधिवेशन में आरटीआई-एक भ्रष्‍टाचार निरोधी उपकरण और मीडिया तथा आरटीआई पर दो सत्र आयोजित किए गए। सूचना का अधिकार-एक भ्रष्‍टाचार निरोधी उपकरण पर वक्‍ताओं में भारत के पूर्व निर्वाचन आयुक्‍त जेएम लिंगदोह, पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्‍त प्रत्‍यूश सिन्‍हा और जाने-माने आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल, अंजलि भारद्वाज, पूर्व सूचना आयुक्‍त शैलेश गांधी ने भाग लिया। सूचना आयुक्‍त और सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक एमएल शर्मा ने सत्र की कार्यवाही को आगे बढ़ाया तथा भ्रष्‍टाचार से लड़ने के अपने अनुभवों पर प्रकाश डाला।
लिंगदोह
ने चुनाव सुधारों की आवश्‍यकता और सूचना के अधिकार की भूमिका पर विचार व्‍यक्‍त किए। अन्‍य वक्‍ताओं ने निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। अंत में मीडिया के लोगों ने मीडिया और आरटीआई के बीच संबंधों पर चर्चा की। इसमें द हिंदू के मुख्‍य संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, खोजी पत्रकार राजकुमार केसवानी, एनडीटीवी की संपादकीय निदेशक सोनिया सिंह, इतिहासकार और पूर्व सूचना आयुक्‍त डॉ ओपी केजरीवाल ने हिस्‍सा लिया। सीआईसी-डेजीग्‍नेट दीपक संधू ने सत्र का संचालन किया। अधिवेशन में भाग लेने वालों में केंद्र और राज्‍यों के सूचना आयुक्‍त, आरटीआई और सामाजिक कार्यकर्ता, सूचना अधिकारी और मीडिया के लोग शामिल हुए, जिन्‍होंने चर्चा में गहरी रूचि दिखाई।

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