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Friday 6 September 2013 10:14:27 AM
नई दिल्ली। नीदरलैंड की विदेश व्यापार और विकास सहयोग मंत्री लीलिएनी पलोमेन ने मंगलवार को यहां केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा के साथ बैठक की। पलोमेन ने जोर देकर कहा कि विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी होने के बावजूद भारत में आर्थिक स्थिति कई विकसित देशों की तुलना में अभी भी बेहतर है। उन्होंने आनंद शर्मा को बताया कि हाल की स्थिति के बावजूद भारत में नीदरलैंड की रूचि में कमी नहीं आई है। नीदरलैंड की मंत्री चालीस डच उद्यमियों के साथ दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए भारत आई हैं।
भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति (जेईटीसी) गठित की है। ये निवेश और व्यापारिक मुद्दों को निपटाने में दोनों देशों के लिए साझा मंच होगा। आनंद शर्मा ने कहा कि बढ़ते आर्थिक और व्यापारिक कार्यकलापों को देखते हुए संस्थागत संवादों के लिए संरचनात्मक प्रणाली की आवश्यकता है। इसके परिणाम स्वरूप इस समिति को संयुक्त आर्थिक परिषद के स्तर पर विकसित किया जाना चाहिए। आनंद शर्मा ने यह भी बताया कि भारत और नीदरलैंड को जल प्रबंधन, खेती प्रसंस्करण, शहरी ढांचों, खेल ढांचों को तैयार करने, गंदगी प्रबंधन और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग करना चाहिए। बैठक के बाद पलोमेन ने मीडिया को बताया कि दोनों देशों के बीच खेती तथा स्वास्थ्य देखभाल सहयोग के प्रमुख क्षेत्र हैं। इनके अलावा शहरी आयोजना, ढांचागत कार्य, जल प्रबंधन जिनके लिए हम प्रसिद्ध हैं, इन क्षेत्रों में हम और सहयोग करना चाहते हैं।
दोनों नेताओं ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। नीदरलैंड, यूरोप में भारत का चतुर्थ बड़ा व्यापारिक साझेदार है। सन् 2012 में भारत ने नीदरलैंड को 10 बिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात किया तथा उसी वर्ष 2.63 बिलियन अमरीकी डॉलर का आयात किया था। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में नीदरलैंड छठा बड़ा विदेशी प्रत्यक्ष निवेशक है। इसने अप्रैल 2000 से जून 2013 की अवधि के दौरान करीब 9.37 बिलियन अमरीकी डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश किया है, जो भारत में कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आगमन का 4.72 प्रतिशत बनता है।