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Friday 6 September 2013 10:45:28 AM
नई दिल्ली। वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने और हथकरघा बुनकरों की दशा सुधारने तथा उनके रोज़गार को सुनिश्चित करने की अपनी कोशिशों के तहत केंद्रीय कपड़ा मंत्री डॉ कवुरू संबासिव राव, सचिव (वस्त्र) जोहरा चटर्जी, विकास आयुक्त (हथकरघा) बलविंदर कुमार, संयुक्त सचिव सुजीत गुलाटी और कपड़ा मंत्रालय के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में दो समझौता ज्ञापनों पर दस्तखत किए गए।
पहले समझौते ज्ञापन पर दस्तखत राष्ट्रीय वस्त्र निगम (एनटीसी) लिमिटेड और राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम (एनएचडीसी) लिमिटेड के बीच किया गया, जबकि दूसरे ज्ञापन पर दस्तखत निगम संघ और हथकरघा की सर्वोच्च समिति (एसीएएसएच), एनएचडीसी और एक्जिम बैंक के बीच हुए। इस अवसर पर डॉ राव ने कहा कि लक्षित समूहों के बुनकरों के विकास और बिक्री का समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय के तहत सार्वजिनक क्षेत्र के उपक्रम-एनटीसी और एनएचडीसी हथकरघा समूहों को मजबूत करने के लिए एकजुट हो गए हैं, एनएचडीसी अपनी हथकरघा एजेंसियों और चिन्हित समूहों के जरिए एनटीसी को उचित दरों पर हथकरघा उत्पादों की आपूर्ति करेगा और एनटीसी अपने 84 खुदरा केंद्रों के अपने विशाल नेटवर्क के जरिए इन उत्पादों की बिक्री करेगा, साथ ही साथ, एनटीसी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘स्ट्रीट विजय’ जैसी अन्य पहलों का भी इस्तेमाल करेगा।
हथकरघा की सर्वोच्च समिति-एसीएएसएच, एनएचडीसी और एक्जिम बैंक भारत और विदेशों में प्रदर्शनी और मेला, खुदरा स्टोर और दुकानों के जरिए हथकरघा उत्पादों की खरीद-बिक्री और प्रचार के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) का गठन करने पर सहमत हो गए हैं। जेवीसी बुनकरों, कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करेगा ताकि भारत और विदेशों में हथकरघा उद्योग से जुड़ी आधुनिक तकनीक, नई डिजाइन, पैकेजिंग, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन, नए और आधुनिक डिजाइनों पर केंद्रित कार्यशाला, उपकरण और प्रसंस्करण तकनीक का प्रचार-प्रसार किया जा सके। जेवीसी हथकरघा उत्पादों के कारोबार के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ संपर्क साधने में भी मदद करेगा। वस्त्र उत्पादन में हथकरघा की 15 फीसदी की हिस्सेदारी और निर्यात के जरिए कमाई में महत्वपूर्ण योगदान के साथ हथकरघा उद्योग वर्तमान में पूरे देश में 23.77 लाख हथकरघा केंद्रो के जरिए 43.31 लाख लोगों को रोज़गार मुहैया करा रहा है।