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Sunday 8 September 2013 08:55:39 AM
नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम मंत्री केएच मुनियप्पा ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम मंत्रालय का प्रधानमंत्री के रोज़गार सृजन कार्यक्रम ऋण से जुड़ा सब्सिडी कार्यक्रम है। इसे कारगर तरीके से लागू करने के लिए मंत्रालय ने 30 अगस्त 2013 को देश के प्रत्येक जिले में सलाहकार समिति का गठन किया। इस समिति में जिले से चुने गए संसद सदस्यों की सक्रिय भागीदारी होगी। मुनियप्पा ने बताया कि जिला स्तरीय सलाहकार समिति में 30 सदस्य होंगे, जो कार्यक्रम को लागू करने में मार्गदर्शन और सुझाव देंगे।
उन्होंने कहा कि समिति खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), राज्य सरकार तथा बैंकों सहित अन्य एजेंसियों से तालमेल करेगी, ताकि इस कार्यक्रम के तहत युवा उद्यमियों को सक्रिय किया जा सके। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि कार्यक्रम दिशा-निर्देशों के अनुरूप लागू हों। समिति की अध्यक्षता जिले से निर्वाचित वह सांसद (लोकसभा) करेंगे, जिनके निर्वाचन क्षेत्र में जिले का अधिकतर हिस्सा आता है। जिस सांसद के निर्वाचन क्षेत्र में जिले का कम हिस्सा आता है, वह उपाध्यक्ष होंगे तथा राज्यसभा सदस्य अन्य सदस्य होंगे।
अन्य सदस्यों में विधानसभा तथा विधान परिषद के सदस्य, जिला पंचायत के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा महिलाओं के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्य, समाज विज्ञान, बैंक प्रतिनिधियों तथा वित्तीय संस्थानों का एक प्रतिनिधि होगा। जिला अधिकारी, कलेक्टर को सदस्य संयोजक बनाया जाएगा। समिति की बैठक हर तीन महीने में एक बार होगी। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम चलाने वाली एजेंसी है और उससे आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। केएच मुनियप्पा ने मंत्रालय के कदमों के बारे में कहा कि योजना को तेजी और कारगर तरीके से चलाने के लिए जिला स्तर पर देखभाल की जाएगी। मंत्रालय ने केवीआईसी को निर्देश दिया है कि सौ दिनों के अंदर इकाइयां स्थापित की जाएं।
केएच मुनियप्पा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने 2008-09 में 5251.51 करोड़ रुपए जारी किए और 2.22 लाख परियोजनाओं को मदद दी गई है तथा 20.42 लाख लोगों को रोज़गार दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार प्रधानमंत्री के रोज़गार सृजन कार्यक्रम के लिए प्रत्येक वर्ष आवंटन बढ़ा रही है और वर्ष 2013-14 के लिए 1418.28 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं। यह राशि 1.03 लाख परियोजनाओं के लिए है, जिनसे 8 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मिलेगा। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय के सचिव माधव लाल, संयुक्त सचिव एसएन त्रिपाठी तथा केवीआईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय प्रताप सिंह भी मौजूद थे।