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Sunday 8 September 2013 09:39:59 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि समय आ गया है जब देश की साक्षरता दर को बेहतर बनाने के लिए नए उत्साह और जोरदार ढंग से प्रयास किए जाने चाहिएं। वे आज नई दिल्ली में विज्ञान भवन में अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसका आयोजन मानव संसाधन मंत्रालय ने किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का अंतिम लक्ष्य साक्षरता दर को विश्व साक्षरता दर के औसत के बराबर लाना ही नहीं होना चाहिए, बल्कि उसे साक्षरता दर दुनिया के प्रमुख देशों की साक्षरता के बराबर तक लानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि साक्षरता में स्त्री-पुरुष के बीच की असमानता को दूर किया जाए, लड़कियों तथा महिलाओं पर ध्यान देने से ही यह संभव है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय और राज्य, जिला, प्रखंड तथा ग्राम पंचायत स्तर पर साक्षरता व्यवस्था को दुरुस्त बनाना होगा, क्रियान्वयन के ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है और इसके लिए सरकारी एजेंसियों तथा गैर-सरकारी और निजी क्षेत्रों में प्रतिष्ठित संगठनों को साक्षरता प्रसार कार्य में शामिल करना होगा।
उन्होंने कहा कि साक्षरत कार्यक्रम की सफलता लोगों की इच्छाशक्ति और सहयोग पर निर्भर करती है। राष्ट्रपति ने साक्षरता मिशन में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए राज्यों, जिलों और ग्राम पंचायतों के अधिकारियों को साक्षर भारत राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने कहा कि साक्षर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार ने 2017 तक 15 से 35 वर्ष आयु की सभी महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है। मानव संसाधन राज्यमंत्री जितिन प्रसाद और मानव संसाधन राज्यमंत्री शशि थरूर भी इसमें मौजूद थे।