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Monday 9 September 2013 09:52:01 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय जल आयोग देश भर में फैले 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की स्थितियों की देखरेख कर रहा है, जिसमें से 37 जलाशय 60 मेगावाट की क्षमता के लिए स्थापित महत्वपर्ण पन बिजली संयंत्रों को लाभ पहुंचाते हैं। इन 85 जलाशयों में मानसून की शुरुआत में संयुक्त भंडारण 01-06-2012 को इनकी क्षमता का 21 प्रतिशत था और यह 29-08-2013 को इनकी क्षमता के 61 प्रतिशत पर था। वर्तमान भंडारण गत वर्ष का 135 प्रतिशत और इसी समय पर पिछले दस सालों को 129 प्रतिशत है। इन 85 जलाशयों में से आठ जलाशयों में जहां पिछले दस सालों में उनके भंडारण का 80 प्रतिशत कम है तो वहीं शेष 77 जलाशयों का भंडारण उनके पिछले 10 सालों के भंडारण की औसत से 80 प्रतिशत अधिक है। महत्वपूर्ण बिजली पन योजनाओं के लिए संभावनाओं वाले 37 जलाशयों में से पांच जलाशयों में भंडारण पिछले दस सालों की तुलना में कम अथवा बराबर हुआ है।
केंद्रीय जल आयोग इस उपलब्ध जल से अधिकतम संभावित लाभ लेने के क्रम में कृषि एवं सहकारिता विभाग के संपर्क में है और समुचित फसल रणनीतियां तैयार करने के लिए और जल संसाधन योजना तैयार करने में संलग्न विभिन्न विभागों एवं मंत्रालयों को स्थितियों की समीक्षा करने के लिए मौसमी फसल निगरानी समूह को साप्ताहिक भंडारण स्थितियों की जानकारी उपलब्ध करा रहा है। दिनांक 29 अगस्त को 2013 को बेसिन के अनुसार भंडारण स्थिति इस प्रकार है-गंगा, सिंधु, नर्मदा, ताप्ति, माही, साबरमती, गोदावरी और महानदी और पास में पूर्व की ओर बहती हुई नदियों के बेसिन, पश्चिम की ओर बहती हुई नदियों के दक्षिण बेसिन, कृष्णा और कावेरी और पड़ौसी पूर्व की ओर बहती हुई नदियों में भंडारण की स्थिति पिछले दस सालों के औसत की तुलना में अच्छी है। कच्छ बेसिन की नदियों के भंडारण में कमी आई है।