स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 11 September 2013 09:12:46 AM
नई दिल्ली। भारत में अपनी पहली राजकीय यात्रा पर आईं लाइबेरिया की राष्ट्रपति सरलीफ का स्वागत करते हुए मीडिया को जारी वक्तव्य में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि उनके विचारों को अफ्रीका समेत समूचे विश्व में बड़े सम्मान के साथ सुना जाता है, उनके नजरिए और नेतृत्व ने लाइबेरिया में राजनैतिक पुर्नजागरण, आर्थिक पुनरूद्धार और विकास में अहम योगदान दिया है, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बल मिला है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि उन्होंने शांति, निशस्त्रीकरण तथा विकास के क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 2012 का इंदिरा गांधी पुरस्कार लेना स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उन्हें गुरूवार को इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और लाइबेरिया के बीच मधुर एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, हमारी शासकीय वार्ताएं, व्यापार, निवेश संपर्क तथा नागरिकों के साथ विचारों का परस्पर आदान-प्रदान बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं, राष्ट्रपति सरलीफ और मैंने आपसी संबंधों की समीक्षा की है और हम अपनी साझेदारी की पूरी संभावनाओं को सच्चाई में बदलने के वास्ते साथ मिलकर काम करने के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमने कृषि अनुसंधान, स्वास्थ्य देखभाल, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा और कौशल विकास सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया है। इस संबंध में एक नया संयुक्त आयोग हमारा मार्गदर्शन करेगा और हमारे द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा करेगा। तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग के लिए आज समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए, जिससे इस दिशा में संरचनात्मक सहयोग का रास्ता साफ होगा और इसमें भारत का अनुभव लाइबेरिया के लिए प्रासंगिक सिद्ध होगा।
मनमोहन सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने की विपुल संभावनाएं हैं, लाइबेरिया में भारत का निवेश, विशेषकर खनन में निरंतर बढ़ रहा है, उन्होंने राष्ट्रपति सरलीफ से अनुरोध किया है कि वे लाइबेरिया के राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों और नीतियों के अनुरूप कृषि, आधारभूत संरचना, हाइड्रोकार्बन, खनन और विनिर्माण के क्षेत्र में भारतीय निवेश का मार्ग प्रशस्त करें। हाल के वर्षों में भारत ने मानव संसाधन और क्षमता निर्माण के माध्यम से लाइबेरिया के विकास में सहयोग किया है, लाइबेरिया में विद्युत पारेषण एवं वितरण परियोजना के वित्तपोषण में 144 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण की श्रृंखला पर हस्ताक्षर के आज के फैसले से हमारी परस्पर सहभागिता में और वृद्धि होगी, हम लाइबेरिया के लिए भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण स्लॉट में भी वृद्धि करेंगे। भारत, लाइबेरिया में एक सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र, एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, एक कृषि विज्ञान केंद्र और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महिलाओं के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि हमने भारत-अफ्रीकी साझेदारी को पुख्ता तथा समसामयिक बनाने के अपने परस्पर लक्ष्यों के अनुरूप भारत-अफ्रीका शिखर मंच के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया है, हम विश्वभर में खासकर अफ्रीकी उपमहाद्वीप में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं, हमारे बीच विकासशील देशों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए वैश्विक प्रबंधन को भी सुदृढ़ करने पर सहमति बनी है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन की तत्काल आवश्यकता सहित अनेक वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया है। उन्होंने पुनर्गठित एवं विस्तारित सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी पर लाइबेरिया के समर्थन की सराहना की। राष्ट्रपति सरलीफ की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने की संयुक्त कोशिशों को एक नया बल मिला है। इस वार्ता ने आने वाले समय में दोनों देशों के बीच राजनैतिक सूझबूझ और आर्थिक रिश्तों की नींव को और मजबूत किया है।