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Wednesday 11 September 2013 09:27:36 AM
नई दिल्ली। रेल मंत्रालय के रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने मौजूदा वित्त वर्ष में 75 बहुआयामी परिसर विकसित करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है। इसका उद्देश्य रेलवे की भूमि से गैर-शुल्क राजस्व का सृजन करना है। इसके लिए चरणबद्ध रूप से निविदा की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण ने अब तक उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में 43 बहुआयामी परिसरों को विकसित करने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में नौ निविदाएं आमंत्रित की हैं। प्रमुख स्टेशनों में देहरादून, उज्जैन, वसई रोड, आणंद, सोमनाथ, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, गुलबर्गा, विजयवाड़ा, अमृतसर, अमेठी और चंडीगढ़ शामिल हैं।
मौजूदा वर्ष में पश्चिमी रेलवे में संचालित विगत निविदा प्रक्रिया के दौरान काफी अच्छे संकेत मिले हैं, जिसमें कुल 25 वित्तीय निविदाएं प्राप्त की गई थीं। इन बहुआयामी परिसरों के लिए वित्तीय निविदाओं को 10 सितम्बर को खोला गया था और आठ स्टेशनों पर ऐसे परिसरों के लिए लीज प्रीमियम और वार्षिक लीज किराए का कुल मौजूदा मूल्य 20.27 करोड़ रुपये है, जो प्राधिकरण की न्यूनतम अपेक्षा से काफी अधिक है। अब आंध्र प्रदेश में बहुआयामी परिसरों को विकसित करने के अपने अगले प्रयास में रेल भूमि विकास प्राधिकरण 12 सितंबर 2013 को हैदराबाद में एक पूर्व निविदा सम्मेलन आयोजित कर रहा है, ताकि आंध्र प्रदेश के पर्यटन और धार्मिक आकर्षण वाले नगरों में आठ स्टेशनों पर बहुआयामी परिसरों के वाणिज्यिक विकास के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा सकें।
इन स्टेशनों में धर्मावरम, करीमनगर, कुर्नूल शहर, नेल्लोर, निजामाबाद, विजयवाड़ा, जहीराबाद और काचेगुडा शामिल हैं। रेल यात्रियों के लिए इन आठ केंद्रीयकृत परिसरों में शॉपिंग, खाने-पीने के स्टॉलों, रेस्टोरेंटों, पुस्तक की दुकानों, एटीएम, दवाओं और विविध स्टोरों, सस्ते होटलों, पार्किंग आदि सुविधाएं मौजूद होंगी। रेल भूमि विकास प्राधिकरण पांच रेल स्टेशनों-चंडीगढ़, आनंद विहार (दिल्ली), बिजवासन (दिल्ली), हबीबगंज (भोपाल) और शिवाजीनगर (पुणे) को रेल यात्रियों के लिए उत्कृष्ट सुविधाओं वाले आधुनिक रेलवे स्टेशनों के रूप में विकसित करने की योजना बना रहे हैं।