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Thursday 12 September 2013 11:02:50 AM
नई दिल्ली। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकार की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत जुलाई 2013 तक योग्य दावेदारों को कुल 13,9,424 व्यक्तिगत एवं सामुदायिक भू-अधिकार प्रदान किए गए। इनके अलावा 16,207 और भू-अधिकार प्रदान किए जाएंगे। सरकार को अभी तक प्राप्त कुल दावों का यह 86.70 प्रतिशत है। सबसे अधिक भू-अधिकार ओडीशा (3,20,910) में वितरित किए गए। उसके बाद छत्तीसगढ़ (2,15,443) और मध्य प्रदेश (1,75,941) का नंबर आता है।
आदिवासी कल्याण मंत्रालय ने नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए हैं और इस अधिनियम के कार्यान्वयन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए तथा अधिनियम द्वारा पहले से दिए जा रहे अधिकारों को सुगमता से प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिनियम के कार्यान्वयन की प्रगति की संबद्ध राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रशासनों द्वारा समय-समय पर आयोजित बैठकों में समीक्षा की जा रही है। इन बैठकों के दौरान राज्य सरकारों को समयबद्ध ढंग से कार्य योजना के अनुसार अधिनियम को लागू करने के लिए और सामुदायिक अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विशेष प्रयास करने के दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा दावे दर्ज किए जा सकें और उन्हें स्वीकृति प्रदान की जा सके। इस वर्ष नक्सल प्रभावित राज्यों में अधिनियम के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा के लिए 30 और 31 जुलाई को रांची में दो दिवसीय क्षेत्रीय परामर्श-गोष्ठी आयोजित की गई थी।