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Wednesday 18 September 2013 08:17:41 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्री सीस राम ओला ने आज नई दिल्ली में विज्ञान भवन में वर्ष 2011 के लिए विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कारों का वितरण किया। इस अवसर पर ओला ने कहा कि वर्ष 2011 के कामकाज के आधार पर विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए 194 और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 116 आवेदन प्राप्त हुए। इस वर्ष 116 विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कारों के विभिन्न वर्गों में 63 विजेता और 35 उप विजेता हैं।
उन्होंने कार्पोरेट सामाजिक दायित्व कार्य के तहत औद्योगिक घरानों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण की दिशा में उठाए गए कदमों पर खुशी जाहिर की, जिसके परिणाम स्वरूप सुरक्षा और कर्मचारियों के स्वास्थ्य में समग्र बदलाव आया है और औद्योगिक दुर्घटनाओं में कमी आई है। सीस राम ओला ने औद्योगिक संयंत्रों में दुर्घटनाएं रोकने और कार्यस्थलों पर सुरक्षा उपायों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कारों की शुरूआत 1965 में की गई। इनका उद्देश्य उन अच्छे कर्मियों और औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करना है, जो दुर्घटनाएं रोकने और औद्योगिक सुरक्षा (व्यावसायिक) उपायों को बढ़ावा देने और समान रूप से प्रबंधन और श्रमिक दोनों के हितों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करते हैं।
श्रम और रोज़गार सचिव डॉ मृत्युंजय सारंगी ने स्वागत भाषण में वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण के कारण भारतीय उद्योगों की चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण से जहां उद्योगों और कार्यबल के लिए अवसर उपलब्ध हुए हैं, वहीं वैश्विक मंदी का खतरा भी मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक दुर्घटनाओं से केवल कर्मचारी ही नहीं, उसका परिवार, समाज और पूरा देश प्रभावित होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योग इस तरह के उपाय करेंगे, जिससे कर्मचारी सुरक्षा के प्रति अधिक सजग और सुरक्षित तरीके से कार्य कर सकें।