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Friday 20 September 2013 10:13:33 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार समारोह में कहा है कि आज देश के कुछ भागों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है, यह बहुत दुख की बात है, इसलिए सभी का सामूहिक दायित्व है कि हम अपने समाज में सद्भावना और मैत्री को बढ़ावा दें, हमारा देश विविधताओं से भरा है, यह वही देश है, जिसमें हम अपने स्वार्थ को भुलाकर सहिष्णुता और दूसरों का सम्मान करने की परंपरा पर चलने पर गर्व करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर सदियों से विभिन्न धर्म एक साथ फले-फूले हैं और समृद्ध हुए हैं, हमारे यहां लोगों का धर्मनिरपेक्ष नज़रिया है और मेरा मानना है कि केवल थोड़े से लोग हम लोगों के बीच फूट पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि इन ताकतों से बचा जाए और मैं आज इस अवसर पर केंद्र सरकार की इस प्रतिबद्धता को दोहराना चाहता हूं कि वह देश में सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, हमने इस लक्ष्य को हासिल करने के तरीकों का पता लगाने के लिए 23 सितंबर को राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि आज हम यहां दो प्रतिभाशाली व्यक्तियों और एक असाधारण संगठन को सांप्रदायिक सद्भावना और राष्ट्रीय एकता में उनके योगदान के लिए सम्मानित करने के उद्देश्य से एकत्र हुए हैं, मैं खामलियाना, मोहम्मद अब्दुल बारी तथा मैत्री और राष्ट्रीय एकता फाउंडेशन को राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार हासिल करने के लिए बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम जिन दो व्यक्तियों को सम्मानित कर रहे हैं, उन लोगों ने ऐसा अनुकरणीय कार्य किया है, जिस पर हमें गर्व होता है। समाज में सद्भावना को मजबूत बनाने में खामलियाना ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य किया, जिनमें नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों का पुनर्वास, एड्स की रोकथाम, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम, अनाथालयों के लिए संसाधन जुटाना तथा राहत केंद्र शामिल हैं, वह और उनका संगठन मिजोरम यूथ क्लब समर्पण भाव से समाज की सेवा करने वालों का जीता जागता उदाहरण है और उनकी अगुवाई हम सभी को प्रेरणा देती है।
उन्होंने कहा कि मोहम्मद अब्दुल बारी का जीवन नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने वालों का एक अन्य उदाहरण है, उन्होंने अपने भद्रक जिले में संभावित गड़बड़ियों को रोकने के लिए सफलतापूर्वक कार्य किया और गड़बड़ी पैदा होने पर उन्हें रोकने में कामयाब रहे, उन्होंने रक्तदान, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, मोहम्मद अब्दुल बारी को हिंदुओं और मुसलमानों दोनों से सम्मान मिला। मैत्री और राष्ट्रीय एकता फाउंडेशन सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए 28 वर्षों से कार्य कर रहा है। उसने युवाओं और छात्रों को शामिल करके विभिन्न गतिविधियों के जरिए इन उद्देश्यों को हासिल किया हैं। इसके कार्यों में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए शांति, सद्भावना और मैत्री के संदेश का प्रचार-प्रसार शामिल है। फाउंडेशन ने सराहनीय कार्य किया है और वह इस पुरस्कार का पूरी तरह हकदार है।
उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए राष्ट्रीय फाउंडेशन के कार्य की भी सराहना की जिसने यह पुरस्कार शुरू किए। उन्होंने कहा कि उसने सही मायनों में उस उद्देश्य को हासिल कर लिया है, जिसे लेकर 1992 में भारत सरकार ने इसकी स्थापना की थी, आज के पुरस्कारों के जरिए हमें खामलियाना, बारी तथा मैत्री और राष्ट्रीय एकता फाउंडेशन के कार्यों के बारे में जानने का अवसर मिला है, हमें ऐसे और व्यक्तियों तथा संगठनों की जरूरत है।