स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 20 September 2013 10:24:39 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा है कि मैला ढोने की प्रथा को रोज़गार के रुप में रोकने तथा सफाई कर्मियों के पुनर्वास विधेयक-2012 के पारित होने से देश में मैला ढोने की अमानवीय प्रथा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। एक समारोह में भाग लेते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि यह हम सभी पर निर्भर है कि विधेयक को उसकी भावना के अनुरुप ही लागू किया जाए। संसद में मैला ढोने वाले और उनके पुनर्वास संबंधी विधेयक-2012 के पारित होने के अवसर पर सफाई कर्मचारियों के राष्ट्रीय आयोग ने इस समारोह का आयोजन किया था। देश के विभिन्न भागों से, राज्य सफाई कर्मचारी आयोगों के सदस्यों और अध्यक्षों, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के संघों तथा अन्य सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधियों ने समारोह में भाग लिया।
कुमारी सैलजा ने राष्ट्रीय और राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के प्रतिनिधियों को इस कानून के लागू होने और इसकी निगरानी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद दिलाया। उन्होंने सिविल सोसाइटी संगठनों के सदस्यों से मैला ढोने वालों की पहचान और उनके पुनर्वास में सहायता करने और मौजूदा अस्वास्थ्यकर शौचालयों को ढहाने का आग्रह किया। सफाई कर्मचारियों के राष्ट्रीय आयोग की अध्यक्ष कमला गुर्जर ने कुमारी सैलजा के संसद से इस विधेयक को पारित कराने में उनके प्रयासों की सराहना की। कमला ने इसे बहुत बड़ी जीत करार दिया और आशा व्यक्त की कि निकट भविष्य में इस विधेयक के लागू होने से देखनेलायक परिणाम मिलेंगे।