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Saturday 21 September 2013 09:55:25 AM
जयपुर। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के प्रथम चरण के तहत चालू किया गया सौर बिजली संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करने और जयपुर मेट्रो के चरण-1 बी की आधारशिला रखने के अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स का मक़सद हमारे पर्यावरण को और जयपुर एवं राजस्थान के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। सोलर मिशन के तहत राजस्थान के कुछ सोलर इनर्जी प्रोजेक्ट्स राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ दिए गए हैं, ये दोनों प्रोजेक्ट्स अपने-अपने तरीके से पेट्रोल, डीजल और कोयले पर भारत की निर्भरता और कार्बन उत्सर्जन को कम रखने में हमारी मदद करेंगे।
उन्होंने इन प्रोजेक्ट्स से जुड़े सभी लोगों को और खासतौर पर अपने सहयोगी मंत्री फारूक अब्दुल्ला को बधाई दी, जो नवीकरणीय ऊर्जा और सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, उन्होंने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनकी एक मिसाल राजस्थान के सोलर इनर्जी प्रोजेक्ट्स हैं, मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने राजस्थान राज्य और ख़ास तौर पर जयपुर में आम आदमी की ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिये कड़ी मेहनत की है, जयपुर मेट्रो इस बात की जीती जागती मिसाल है कि किस तरह अशोक गहलोत ने खुद राजस्थान सरकार के बूते पर जयपुर शहर में सुधार लाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं।
देशभर में सबसे अधिक दुपहिए जयपुर में ही हैं। यह चीज़ यहां पर एक अच्छी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की कमी को ज़ाहिर करती है। जयपुर मेट्रो इस खूबसूरत शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मज़बूत करेगा, जिससे यहां के निवासियों को और यहां भारी तादाद में आने वाले पर्यटकों को सुविधा पहुंचेगी। जिस तरह एक कारगर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था डीजल और पेट्रोल के इस्तेमाल में कमी लाती है, यह बात बहुत जरूरी है कि सस्ते दामों पर आसानी से ऊर्जा उपलब्ध हो, पिछले दशक में देश में ऊर्जा की जरूरत काफी बढ़ी है, फिर भी हम लगातार महंगे होते आयात पर निर्भर रहे हैं। इसके अलावा कोयला, तेल तथा गैस के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है और पर्यावरण पर इस का बुरा असर भी पड़ सकता है। इन सब बातों के मद्देनज़र नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को तेज़ी से बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं ख़ास तौर पर ज़्यादा हैं, यह बात साफ है कि हमें नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता बहुत अधिक बढ़ाने की सख्त ज़रूरत है, ऐसा होने पर ही इसका उत्पादन मूल्य कम होगा और यह पर्याप्त मात्रा में उद्योगों और आम आदमी के उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकेगी। इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित साजो-सामन को देश में बनाने की क्षमता विकसित करना भी ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी आत्मनिर्भरता के लिए बहुत ज़रूरी है। मिसाल के तौर पर हमें देश में सोलर सेल्स बनाने की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है। इस प्रयास में हमें अपने उद्योगों की सहायता की जरूरत पड़ेगी।
उन्होंने दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का ज़िक्र भी किया। इस प्रोजेक्ट को लागू करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। दोनों सबंधित राज्य सरकारों ने प्रोजेक्ट को अपनी सहमति दे दी है। इससे जयपुर और दिल्ली के बीच का सफर सिर्फ दो घंटे में तय हो सकेगा। इसके आस-पास नए शहर और औद्योगिक क्षेत्र विकसित होंगे, जिससे लोगों की खुशहाली बढ़ेगी। हम इस प्रोजेक्ट को एक प्राथमिकता के रूप में आगे बढ़ाएंगे। यह प्रोजेक्ट उन कोशिशों की एक मिसाल है, जो पिछले 9 सालों में आम आदमी की भलाई के लिए की गई हैं।