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Monday 23 September 2013 10:05:41 AM
झांसी। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ एमएम पल्लम राजू ने उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार से प्रायोजित शैक्षिक योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की है। डॉ एमएम पल्लम राजू ललितपुर व झांसी के एक दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने सर्व-शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, साक्षर भारत कार्यक्रम तथा केंद्रीय विद्यालय संगठन व नवोदय विद्यालय समिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्हें सूचित किया गया कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों के लिए दी गई स्वीकृतियां मौजूदा साल में राज्य के कुल एसएसए बजट की 8.5 प्रतिशत हैं, ये तकरीबन नौ हजार करोड़ रुपये हैं और केंद्र का योगदान पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक है।
शिक्षा के अधिकार के अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित किये गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए अध्यापकों की भर्ती एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सोलह छात्रावासों के लिए स्वीकृतियां दी गई हैं। इनमें पांच झांसी में व तीन ललितपुर ज़िले के हैं। शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों में आदर्श विद्यालय स्थापित करने के संबंध में मंत्रालय ने पहले ही 18 आदर्श विद्यालयों की स्वीकृति दे दी है तथा 11 और विद्यालयों का प्रस्ताव मंत्रालय के विचाराधीन है। उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड इलाके में 41 ब्लॉक ईईबी के रूप में सूचीबद्ध हैं और बाकी के सात ब्लॉक ग़ैर ईईबी के रूप में सूचीबद्ध हैं। क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थिति पर उन्हें बताया गया कि सात केंद्रीय विद्यालयों में से सिर्फ चार ही काम कर रहे हैं।
पहले डॉ राजू ने ललितपुर में केंद्रीय विद्यालय की नींव रखी। इस समय यह विद्यालय प्रायोजक प्रभाग से उपलब्ध कराई गई अस्थायी जगह पर चल रहा है। यह ज़मीन केवल नौ माह पूर्व संगठन को दी गई है। पल्लम राजू ने कहा कि जनसांख्यिकी विविधता से बेहतर नतीजे प्राप्त करने के लिए केंद्र व राज्य को मिलकर काम करना होगा। एसएसए के अंतर्गत केंद्र आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए राज्य सरकारों को संतोषजनक राशि आवंटित की है, परंतु गुणवत्ता को भी ध्यान में रखना आवश्यक हैं। उन्होंने व्यावहारिक कौशल का पक्ष लिया और कहा कि 50 करोड़ युवाओं को 2020 तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण पॉलीटेक्नीकों व आईटीएस से दिया जाएगा और युवाओं को उद्यमों के लिए तैयार किया जाएगा।
मध्याह्न भोजन योजना के बारे में मानव संसाधन मंत्री को जानकारी दी गई कि इस योजना के अंतर्गत 47 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालय और 52 प्रतिशत उच्चतर प्राथमिक विद्यालय गत योजना के दायरे में नहीं हैं। यह भी महसूस किया गया है कि और बेहतर निरीक्षण और सामाजिक सहभागिता की आवश्यकता है। मंत्री ने उत्तर प्रदेश में क्षेत्र में तकनीकी समर्थ अध्ययन ब्यूरो की योजना की स्थिति की भी समीक्षा की, जिसमें सूचना और संचार तकनीक द्वारा शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन का क्रियान्वयन शामिल है।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से कौशल के विकास के लिए उठाए जाने वाले कदम निर्धारित करने के लिए एक समिति गठित की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के आधारभूत शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने विद्यालयों में अनुबंध पर शिक्षकों-64,000 शिक्षा मित्रों को नियमित किये जाने की मांग की है।