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Monday 30 September 2013 08:53:46 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार के ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन ‘आदित्य’ ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं में निवेश कृषि और कृषि इतर उत्पादकता, खाद्य सुरक्षा और रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी की कुंजी है, जिससे शहरी क्षेत्रों में पलायन रोकने में मदद मिलती है। वे आज सुबह नई दिल्ली में ‘ग्रामीण विकास में युवाओं की भूमिका’ विषय पर एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए समेकित ग्रामीण विकास केंद्र (सीआईआरडीएपी) की छठी क्षेत्रीय नीति वार्ता के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
पंद्रह देशों के संगठन सीआईआरडीएपी के शिष्टमंडल को संबोधित करते हुए मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान परिदृश्य में युवाओं को प्रेरित करने की आवश्यकता है, ताकि वे भविष्य में देश का नेतृत्व कर सकें और विकास कार्यक्रमों को प्रभावकारी ढंग से लागू करने में योगदान कर सकें। उन्होंने कहा कि दुनिया की आबादी में 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी ग्रामीण युवाओं की है, सुशिक्षित और प्रशिक्षित युवा आबादी देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में व्यापक वृद्धि कर सकती है, इसलिए यह जरूरी है कि युवाओं को राष्ट्रीय विकास प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भागीदार समझा जाए।
उन्होंने कहा कि छठी क्षेत्रीय नीति वार्ता के विषय ‘ग्रामीण विकास में युवाओं की भूमिका’ पर विचार करने से पता चलता है कि जिन देशों में युवा विकास गतिविधियां सफलतापूर्वक लागू की गई हैं, वहां तत्संबंधी उत्कृष्ट पद्धतियां अपनाई गईं। इन देशों में बांगलादेश, फिजी, भारत, मलेशिया और अफगानिस्तान शामिल हैं, जहां युवाओं को सामुदायिक विकास का इंजन समझा गया और स्थायी विकास में उनके प्रयासों और उपायों को प्रोत्साहित किया गया।
विचार विमर्श के दौरान भारत की नवीन ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें स्वयंसेवी और निजी क्षेत्र में किए गए सफल उपायों को उजागर किया गया। इस क्षेत्र में लगे संगठनों ‘सेल्फ एंप्लायड वूमेंस एसोसिएशन (सेवा), टाटा ट्रस्ट, प्रोफेशनल असिस्टेंट फार डेवलपमेंट एक्शन (प्रधान), कुटुम्बश्री, सोसायटी फार एलिमिनेशन आफ रूरल पावर्टी (सेर्प), राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनबीडीबी), ग्रामीण विकास और स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान और डॉ रेड्डीज़ फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र में भारत की सफलताओं पर प्रकाश डाला।
ग्रामीण विकास मंत्रालय में सचिव एस विजय कुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सचिव नीता चौधरी, सीआईआरडीएपी के महानिदेशक डा सेसेफ इफेंडी, ग्रामीण विकास मंत्रालय में अपर सचिव एसएम विजयानंद और युवा मामलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ एवं सलाहकार डॉ डी अगोचिया ने सत्र के दौरान अपने विचार व्यक्त किए।