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Monday 30 September 2013 09:17:41 AM
नई दिल्ली। सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन की रोकथाम और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण नियमन) अधिनियम के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, तंबाकू-निरोधी गतिविधियों का संचालन एवं नियंत्रण करता है। इस संदर्भ में 2 अक्टूबर 2012 से ‘मुकेश’ और ‘स्पंज’ को केंद्र में रख कर तंबाकू-निरोधी फिल्में दिखाई जाती रही हैं। मंत्रालय ने निर्णय किया है कि इनकी जगह 2 अक्टूबर 2013 से ‘बच्चा’ और ‘धुआं’ पर केंद्रित फिल्में दिखाई जाएंगी।
इन फिल्मों को 16 भारतीय भाषाओं में तैयार किया गया है, ताकि तंबाकू के दुष्परिणामों संबंधी संदेश देशभर में दिया जा सके। ‘बच्चा’ और ‘धुआं’ फिल्म के जरिए ध्रूमपान, तंबाकू सेवन और ध्रूमपान करने वाले की संगति में रहने पर स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के प्रति सावधान किया जा रहा है। इसके अलावा, ध्रूमपान निरोधी कानून का उल्लंघन करने पर दंड के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इन फिल्मों को वर्ल्ड लंग फाउंडेशन ने तैयार किया है।
उल्लेखनीय है कि तंबाकू सेवन से पूरे विश्व में हर साल लगभग 60 लाख लोगों की जान जाती है। अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो 2030 तक मरने वालों का आंकड़ा 80 लाख प्रति वर्ष तक पहुंच जाने की आशंका है। एक अनुमान के अनुसार भारत में प्रति वर्ष तंबाकू सेवन से लगभग 8-9 लाख लोग मरते हैं। इसके अलावा भारत में प्रतिदिन सिगरेट पीने की शुरुआत करने वाले युवाओं की संख्या 5500 है।