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Wednesday 9 October 2013 09:30:55 AM
नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में गठित अधिकृत समिति ने चलचित्र अधिनियम पर गठित समिति की रिपोर्ट सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी को सौंप दी है। समिति का गठन चलचित्र अधिनियम, 1952 के तहत प्रमाणीकरण के मुद्दों पर विचार करने के लिए किया गया था। इसका गठन चार फरवरी 2013 को हुआ था।
प्रमुख मुद्दों पर विचार करने के बाद समिति ने सलाहकार मंडल, महिलाओं के चित्रण, अश्लीलता और सांप्रदायिक वैमनस्य जैसे मुद्दों के संबंध में दिशा-निर्देश, फिल्मों के वर्गीकरण, फिल्मों की पायरेसी, अपीलीय पंचाट की न्याय सीमा तथा चलचित्र अधिनियम 1952 के प्रावधानों की समीक्षा पर अपनी सिफारिशें दी हैं। उल्लेखनीय है कि अपने आठ महीने के कार्यकाल के दौरान समिति ने विभिन्न हितधारकों के साथ चेन्नई, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में कई बैठकें आयोजित कीं।
मुकुल मुदगल के अलावा पूर्व सूचना एवं प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा, एफसीएटी के अध्यक्ष ललित भसीन, सीबीएफसी की पूर्व अध्यक्ष शर्मिला टैगौर, गीतकार जावेद अख्तर, सीबीएफसी की अध्यक्ष लीला सैमसन, भारतीय चलचित्र परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष और दक्षिण भारतीय चलचित्र वाणिज्य परिसंघ के सचिव एल सुरेश, उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता रमीजा हाकिम और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (चलचित्र) राघवेंद्र सिंह समिति के सदस्य हैं।