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Tuesday 15 October 2013 10:24:53 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रोफेसर केवी थॉमस ने आज कहा कि उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्रों से जुड़े संस्थानों एवं संगठनों को उत्पाद एवं सेवाओं के उच्च मानकों को अपनाने की आवश्यकता है, इससे न केवल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनकी मांग बढ़ेगी, बल्कि व्यापार में लागत भी कम होगी तथा उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी। प्रोफेसर थॉमस ने ‘विश्व मानक दिवस’ पर आयोजित एक सेमिनार में ‘इंटरनेशनल स्टैंडर्डस एनश्योर पॉजिटिव चेंज’ में अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तकनीकी फायदे हैं और इससे उत्पादों तथा सेवाओं को बेहतर बनाने तथा इनसे जुड़े उद्योगों को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलती है। इस सम्मेलन का आयोजन ‘भारतीय मानक ब्यूरो’ (बीआईएस) ने किया।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक मानकीकरण की दिशा में जो भी अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं, उनका फायदा विकासशील देशों को ही मिलेगा, इससे न केवल उनके व्यापार में बढ़ोतरी होगी बल्कि सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में भी बदलाव आएगा। उन्होंने बीआईएस के कार्यां की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संबंधी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। बीआईएस इस माह राजधानी दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय विद्युत तकनीकी आयोग (आईईसी) की 77वीं महासभा का आयोजन कर रहा है, जिसमें विश्व के 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
थॉमस ने कहा कि व्यापार एवं संगठन कभी भी शून्य में काम नहीं कर सकते हैं और उन्हें व्यापारिक अर्थव्यवस्था तथा अपने कार्यक्षेत्र के वातावरण एवं समाज के कल्याण में सामंजस्य स्थापित करना है। खाद्य तथा उपभोक्ता मंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अहम कारक है और भारत के वैश्विक अर्थव्यवस्था होने के मद्देनजर भूमंडलीकरण उसकी वैश्विक बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद करता है।