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Saturday 19 October 2013 11:42:46 AM
कानपुर। भारत में प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार नरेंद्र भाई मोदी ने आज कानपुर में अपनी लोकप्रियता का डंका बजाया तो कानपुर ने भी मोदी को सर आंखों पर बैठाया। उन्होंने साबित किया कि इस पद के लिए भाजपा का फैसला और दावा मजबूत है। उत्तर प्रदेश में कानपुर क्षेत्र में नरेंद्र मोदी की पहली विजय शंखनाद रैली थी, जिसे रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में कभी रैली मैदान को लेकर झंझट खड़ा किया गया तो कहीं इस रैली से खेतों में फसल के नुकसान को आधार बना कर रैली पर प्रतिबंध लगाने के लिए किसी दलित से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कराई गई। रैली के आयोजन की स्थानीय प्रशासन ने भी ना नुकुर के बाद कड़ी से कड़ी शर्त लगा कर अनुमति दी। यह भी देखिए कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इस रैली से एक दिन पहले कानपुर का कार्यक्रम बनाकर रैली तक पहुंचने वाले मार्गों पर यातायात और सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर व्यवधान खड़ा किया गया। इन सब बाधाओं के बावजूद नरेंद्र मोदी की रैली को जबरदस्त सफलता मिली। भाजपा कार्यकर्ता और आयोजक बहुत सतर्क दिखे और कोई ऐसा मौका नहीं आने दिया, जिससे किसी को रैली पर आक्षेप लगाने का कोई मुद्दा मिलता। इस रैली ने मोदी और भाजपा के आलोचकों की बोलती बंद कर दी है।
विजय शंखनाद रैली में सुरक्षा कड़ी थी और नरेंद्र मोदी के भी तेवर तीखे थे, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार, कांग्रेस एवं केंद्र की सरकार पर सीधे हमला बोलकर गरीबी और महंगाई का मुद्दा उछाला। उन्होंने कहा कि गरीबों के घाव पर नमक छिड़का जा रहा है। रैली को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, भाजपा नेता कल्याण सिंह, भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रभारी अमित शाह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने प्रमुखता से संबोधित करते हुए कांग्रेस को उखाड़ फेकने का आह्वान किया। नरेंद्र मोदी ने युवाओं को राष्ट्रवाद और उनके भविष्य के लिए प्रेरित किया। भाषण में उनका निशाना कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की सपा सरकार रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके शहजादे देश में गरीबी का मज़ाक बनाते हैं, इन्हें नहीं पता कि गरीबी क्या होती है, ये दिखावे के लिए कैमरों के साथ गरीब की झोंपड़ी में जाते हैं, वे गरीबी बेचने का प्रयास न करें। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में राम मंदिर मुद्दे का जिक्र नहीं किया और उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों में से आधी पर जीत का लक्ष्य तय किया।
उत्तर प्रदेश में चुनावी अभियान शुरू करते हुए मोदी ने भाजपा की सत्ता में वापसी के लिए समाज जोड़ो का मंत्र दिया। कांग्रेस सपा और बसपा को बार-बार घेरते हुए वो बोले कि इनके नेता वोट बैंक के लिए देश और समाज को बांट रहे हैं। उत्तर प्रदेश से भाजपा के 57 सांसद जीतने का दावा करते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव को आजादी के बाद दूसरी बड़ी जंग बताया। उन्होंने कहा कि देश में आज धर्मनिरपेक्षता का खौफ दिखाकर वोट बटोरने की राजनीति की जा रही है, देश की तरक्की के लिए अच्छा हिंदू, अच्छा मुसलमान व अच्छा ईसाई होना जरूरी है। उनका कहना था कि सरकार का केवल एक ही मजहब होता है-'नेशन फर्स्ट'। उन्होंने सबका साथ और सबका विकास का नारा दिया। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और गुजरात के विकास एवं वहां सुरक्षा का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश की जनता से कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर विध्वंसक राजनीति खेल रही कांग्रेस, सपा और बसपा की तिगड़ी को सत्ता से उखाड़ फेंके और वोट बैंक की राजनीति को सदा के लिए दफना दे।
नरेंद्र मोदी ने कानपुर की क्रांतिकारी धरा से सुराज की लड़ाई छेड़ने का एलान किया और कांग्रेस मुक्त भारत का नारा लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अहंकार सातवें आसमान पर है, महंगाई पर न तो प्रधानमंत्री कुछ बोलते हैं न मैडम कुछ बोलती हैं और शहजादे बोलते ही फंस जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले बने फूड गारंटी बिल में मिड डे मील में बंटने वाले खाने से भी कम अनाज मिलेगा। यह पेट भरने वाला नहीं बल्कि भूखा रखने वाला बिल है। नरेंद्र मोदी ने जब माइक संभाला तो भीड़ का अभिनंदन करते हुए बोले कि रैली तो बहुत कीं, लेकिन ऐसा मानव सागर नहीं देखा, कानपुर ने मुझे जीत लिया है, जो यह नर मुंडों को महासागर दिख रहा है, उसकी तपस्या बेकार नहीं जाने दूंगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सपा को दंगा पार्टी करार देते हुए गुजरात को मॉडल बनाकर उत्तर प्रदेश के विकास की जरूरत बताई, जबकि कल्याण सिंह ने नरेंद्र मोदी को देश की जरूरत बताया।