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Tuesday 29 October 2013 06:49:32 AM
नई दिल्ली। रेल मंत्री मलिकार्जुन खड़गे ने आज नई दिल्ली में हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एचएसआरसी) को लाँच किया। उन्होंने तेज गति रेलयात्राः कम लागत का समाधान विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सम्मेलन का उदघाटन किया। रेल मंत्री ने इस मौके पर कहा कि भारत का मुख्य जोर सुरक्षित, विश्वसनीय और वहन करने योग्य यातायात उपलब्ध कराना है, विश्व का सबसे बड़ा यात्री रेल होने के कारण लोगों की यह उम्मीद स्वभाविक है कि भारतीय रेल लोगों को हाईस्पीड (तेज गति) रेलयात्रा उपलब्ध कराये।
मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अधिकतर देश 250 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने वाली रेल गाड़ी को तेज गति क्षमता वाले मानते हैं, इसके लिए समर्पित ट्रैक और उसका बाड़ से घिराव आवश्यक होता है और इसमें लागत भी अधिक आती है। हमारे देश में ट्रैक के पास बाड़ लगाने से जुड़ी अन्य समस्याएं हैं, इसलिए रोलिंग स्टॉक तकनीकी से अभी बिछे ट्रैक पर 160 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज़ गति की गाड़ियां चलाने की तात्कालीक आवश्यकता कम लागत में पूरी हो सकती है। दो सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ऊपर के लिए अलग ट्रैक बिछाना होगा और उसके इर्द-गिर्द बाड़ लगाना होगा। इस काम में समय की अधिकता व लागत के बोझ से बचा नहीं जा सकता। रेल मंत्री ने कहा कि इसलिए इस सम्मेलन का मुख्य जोर 160 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से तेज़गति की रेलगाड़ियां चलाने पर विचार करना है।
रेल मंत्री ने औपचारिक रुप से हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एचएसआरसी) को लाँच किया। यह रेल विकास निगम लिमिटेड की सहायक कंपनी होगी। रेल मंत्री ने एचएसआरसी का लोगो भी जारी किया। इसकी डिजाइनिंग नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद ने की है। सम्मेलन में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरुणेंद्र कुमार ने कहा कि भारतीय रेल ने तेज़ गति रेल के लिए सात गलियारे बनाने के वास्ते संभावना अध्ययन शुरु किया है। उन्होंने बताया की मुंबई-अहमदाबाद मार्ग के लिए प्रारंभिक अध्ययन कराया जाएगा, जिस पर अनुमानतः 65,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय रेल और आरआईटीईएस के समर्थन से इंस्टीट्यूट ऑफ रौलिंग स्टॉक इंजीनियर्स (आईआरएसई) ने अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सम्मेलन का आयोजन किया है।
इस अवसर पर एचएसआरसी के अध्यक्ष और आरवीएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री ने कहा कि एचएसआरसी का गठन भारत में हाई स्पीड रेल कॉरिडोर विकसित करने के लिए किया है। सम्मेलन में देश-विदेश के नीति निर्माता, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रौलिंग स्टॉक निर्माता, अनुसंधान संस्थान, सलाहकार तथा उद्योग से जुड़े पेशेवर लोग भाग ले रहे हैं।