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Thursday 31 October 2013 09:33:26 AM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि दक्षिण एशिया के देशों के बारे में धारणा में बदलाव लाने के लिए मीडिया और थिंक टैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। सातवें दक्षिण एशिया सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत और इस क्षेत्र के बारे में पड़ोसी देशों की धारणा बहुत महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि भारत के बारे में धारणा में धीरे-धीरे परिवर्तन आएगा क्योंकि हम यकीन और आपसी विश्वास स्थापित करने के लिए गंभीर प्रयास करते हैं। हमें इस क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए अनुकूल धारणा बनाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इस बारे में थिंक टैंक, नागरिक समाज, बुद्धिजीवियों और मीडिया की विशिष्ट और जिम्मेदार भूमिका है।
उन्होंने कहा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में धारणा अक्सर वास्तविकता जैसी ही महत्वपूर्ण सिद्ध होती है। संघर्ष और अल्पविकास से ग्रस्त क्षेत्र में अविश्वास देशों के मध्य व्यवहार पर प्रभाव डालता है। ऐसे परिदृश्य में धारणा अक्सर वास्तविकता से जुदा हो जाती है। दक्षिण एशियाई क्षेत्र के देशों में अवधारणा क्षेत्रीय सहयोग के लिए अनुकूल नहीं है। उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत बनाने के लिए भारत की विशिष्ट भूमिका का भी उल्लेख किया। कुछ पड़ोसी देशों के डर की शंका का शमन करते हुए उन्होंने कहा भारत की प्राकृतिक प्रबलता के प्रति कुछ देश चिंतित हैं जो वास्तविकता से दूर है। भारत वर्षों से पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने की जिम्मेदारी उठा रहा है।
इस नीति से द्विपक्षीय स्तर पर लाभ मिला है। हालांकि कुछ अन्य देशों के साथ इसके संबंधों में समस्याएं जारी हैं। उन्होंने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांति और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने और उन्हें जारी रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। भारत का दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 80 प्रतिशत और जनसंख्या में 70 प्रतिशत का योगदान है। क्षेत्रीय सहयोग को संभव बनाने के लिए इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) द्वारा किया गया है, जिसमें अफ़गानिस्तान, बंगलादेश, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान समेत दक्षिण एशियाई देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।