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दिल्‍ली में चेक के महलों की प्रर्दशनी

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Thursday 7 November 2013 08:51:13 AM

chandresh kumari katoch, jan kohout, jiri balvin, miloslav lukes and ravindra singh

नई दिल्‍ली। केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने चेक गणराज्‍य के विदेशी मामलों के मंत्री जां कोहूत तथा संस्‍कृति मंत्री जीरी बाल्विन के साथ मिलकर ‘चेक कासल’ नामक एक प्रदर्शनी का संयुक्‍त रूप से उदृघाटन किया। ‘चेक कासल’ नामक इस प्रदर्शनी का आयोजन चेक गणराज्‍य के राष्‍ट्रीय संग्रहालय तथा नई दिल्‍ली स्थित चेक गणराज्‍य के दूतावास ने भारत में पहली बार भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण और भारत सरकार के संस्‍कृति मंत्रालय के साथ मिलकर किया।
इस अवसर पर कटोच ने कहा कि आज का दिन दोनों देशों के लिए महत्‍वपूर्ण है, वर्ष 1959 में हस्‍ताक्षर किया गया सांस्‍कृतिक समझौता आज सुदृढ़ हुआ है, इस अवसर पर राष्‍ट्रीय संग्रहालय तथा एएसआई के बीच किए गए समझौते ज्ञापन के फलस्‍वरूप द्वीपक्षीय सहयोग तथा सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान और विकसित होगा। कटोच ने कहा कि चेक गण्‍राज्‍य की तरह, भारत में भी किलों और महलों की भरमार है। इस वर्ष, जून माह में राजस्‍थान के 6 पहाड़ी किलों को यूनेस्‍को ने विश्‍व धरोहर स्थलों का दर्जा दिया है। उन्‍होंने कहा कि चेक गण्‍राज्‍य की सांस्‍कृतिक धरोहर की इस प्रदर्शनी में जो प्रदर्शन रखे गए हैं, वे अत्‍यन्‍त आकर्षक हैं।
लाल किले में आयोजित उद्घाटन समारोह के दौरान चेक गणराज्‍य के राष्‍ट्रीय संग्रहालय तथा भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किया गया, जिससे यह आशा बंधी है कि दोनों संस्‍थाओं के बीच सहयोग सुदृढ़ होगा। उद्घाटन समारोह में ‘स्‍पोर्क क्‍वार्तेत’ नामक चेक शास्‍त्रीय संगीत प्रस्‍तुत किया गया। प्रदर्शनी में फिल्‍म शो तथा संगीत के कार्यक्रमों का भी प्रदर्शन होगा-कुल मिलाकर वर्ष 2014, चेक-भारत सांस्‍कृतिक वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। प्रदर्शनी में चेक गणराज्‍य के 37 सबसे सुंदर व आकर्षक महलों को प्रदर्शित किया गया है, जो कि बोहीमिया तथा मोराविया प्रांतों में स्थित हैं। इनका चयन न केवल उनकी कलात्‍मकता को ध्‍यान में रखते हुए किया गया है, बल्कि उनके ऐतिहासिक महत्‍व, वास्‍तु इत्‍यादि का भी ध्‍यान रखा गया है।
प्रदर्शनी दिल्‍ली के लाल किले में जनवरी 2014 तक रहने के बाद देश के दूसरे शहरों में भी जाएगी। दिल्‍ली के बाद यह लेह में (लेह पैलेस में जून-जुलाई 2014 तक), कोलकाता (करेंसी बिल्‍डिंग में सितंबर से अक्‍तूबर 2014 तक), मुंबई (नेहरू विज्ञान केंद्र, नवंबर 2014 में) तथा गोवा के पणजी (कला अकादमी में दिसंबर 2014 से जनवरी 2015 तक) देखी जा सकेगी।

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