अधीर
सुख-समृद्धि-सी जहां बह रही निर्मल सुरसरि-धारा,
जागा देश हमारा।
जहां बुद्ध की गूंजी वाणी, दुख-विनाशिनी, शुभकल्याणी।
सत्य, अहिंसा, त्याग प्रेम की जग में जिसने कीर्ति बखानी-
किया सार्थक अब तक जिसने विश्व शांति का नारा।
जागा देश हमारा।
क्षमाशील है, अति उदार है, यह बापू की यादगार है।
'जियो और सबको जीने दो' कोटि-कोटि जन की पुकार है।
जिसने दुनिया को सिखलाया सच्चा भाई-चारा।
जागा देश हमारा।
क्षमाशील है, अति उदार है, यह बापू की यादगार है।
'जियो और सबको जीने दो' कोटि-कोटि जन की पुकार है।
जिसने दुनिया को सिखलाया सच्चा भाई-चारा।
जागा देश हमारा।
वीर शिवा-राणा का घर है, अर्जुन का गाण्डीव अमर हैं;
इस न छेड़ो महाशक्ति का सोया ज्वालामुखी प्रखर है।
स्वाभिमान का चक्र सुदर्शन है जिसका रखवारा,
जागा देश हमारा।