स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 18 November 2013 09:32:58 AM
नई दिल्ली। डीएवीपी की प्रिंट मीडिया के लिए मौजूदा विज्ञापन दरों में 19 प्रतिशत की अंतरिम वृद्धि का निर्णय लिया गया है। यह अंतरिम वृद्धि 15.10.2013 से प्रभावी होगी और 7वीं दर निर्धारण कमेटी के अनुसंशाओं के आधार पर तैयार होने वाली विज्ञापन दरों के निर्धारित होने तक रहेगी। सभी भागीदारों से आग्रह किया गया है कि वह दर निर्धारण कमेटी के साथ सहयोग करें, जिससे इसकी अनुसंशाए शीघ्रता से तैयार हो सकें।
भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी के प्रसार का काम विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) को सौंपा गया है। डीएवीपी की प्रिंट मीडिया नीति के अनुसार समाचार पत्र-पत्रिकाओं में विज्ञापन दरों के संशोधन के लिए प्रत्येक तीन वर्ष में दर निर्धारण कमेटी (आरएससी) का गठन किया जाता है। आरएससी की अनुसंशाओं का इस मंत्रालय में वित्त के साथ परीक्षण किया जाता है और उसी के अनुसार अंतिम संशोधित दर कार्ड तैयार होता है।
पांचवीं दर निर्धारण कमेटी (आरएससी) का गठन 22.11.2004 को हुआ था। पांचवीं दर निर्धारण कमेटी (आरएससी) की अनुसंशाओं के अनुसार प्रिंट मीडिया विज्ञापन दर कार्ड 2005 को जारी किया गया था और ये दर 1.1.2006 तक तीन वर्षों के लिए वैध थी, जो 31.12.2008 तक रही। छठवीं दर निर्धारण कमेटी (आरएससी) का गठन 2008 में हुआ, यद्यपि आरएससी समय पर अपनी अनुसंशाए जमा नहीं करा पाई, मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के परामर्श से अंतरिम वृद्धि का एक प्रस्ताव पारित किया। तत्पश्चात छठवीं आरएससी के अनुसंशाओं के आधार पर प्रिंट विज्ञापन दर कार्ड बना, जो 15.8.2010 से प्रभावी हुआ।
यह दर तीन वर्षों के लिए 14.10.2013 तक प्रभावी थी और मंत्रालय ने 31.5.2013 को 7वीं आरएससी का गठन किया। आरएससी की अनुसंशाओं का इस मंत्रालय में परीक्षण होगा और इस संबंध में अंतिम निर्णय में कुछ और समय लग सकता है। सातवीं आरएससी के अनुसंशाओं के लंबित रहने तक पूर्व विज्ञापन दर कार्ड जो तीन वर्षों के लिए 14.10.2013 तक प्रभावी था, आगे भी वैध रहेगा। वित्त मंत्रालय और भारत के चुनाव आयोग के परामर्श से इस मंत्रालय ने अंतरिम वृद्धि के प्रस्ताव का संज्ञान लिया।