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Wednesday 20 November 2013 09:09:07 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सारी बाधाओं के बावजूद साहस, दृढ़ता और विश्वास के साथ लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने सिप्रा दास की पुस्तक ‘द लाइट विदिन’ पुस्तक ग्रहण करते हुए कहा कि यह पुस्तक हमारे समाज के उन नेत्रहीन लोगों के बारे में है, जिन्होंने आश्चर्यजनक सफलता हासिल की है। इस पुस्तक का लोकार्पण भी एक समारोह में दो नेत्रहीन व्यक्तियों ने ही किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि पुस्तक में कई ऐसे लोगों के साक्षात्कार हैं, जो घर और बाहर दोनों जगह शोषण का शिकार हुए हैं। कुछ लोगों को बैंक से ऋण इसलिए नहीं मिला, क्योंकि वे नेत्रहीन थे तो कुछ लोगों के सामने अन्य कठिनाइयां आईं। राष्ट्रपति ने कहा कि मानव सभ्यता के इतिहास में यह धारणा रही है कि नेत्रहीन व्यक्ति के पास आंतरिक दृष्टि होती है, यह आंतरिक दृष्टि सिप्रा दास की पुस्तक ‘द लाइट विदिन’ का विषय वस्तु है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे सफल नेत्रहीन लोगों की क्षमता हमें और चेतना प्रदान करती है। उनके अनुभव से केवल समान चुनौती झेल रहे लोग ही प्रेरित नहीं होंगे, बल्कि उन लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी जो ऐसे लोगों की मदद करना चाहते हैं। राष्ट्रपति ने स्कूलों के बच्चों तथा तकनीकी और इंजीनियरिंग संस्थानों के विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे इस पुस्तक में वर्णित बहादुर लोगों के अनुभवों का लाभ उठाएं।