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Thursday 21 November 2013 08:48:47 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने तीन-दिवसीय पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन का उद्घाटन किया। गृह सचिव, केंद्रीय पुलिस संगठनों के अध्यक्ष, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिभागी तथा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस सम्मेलन में शामिल हैं। उन्होंने खुफिया ब्यूरो के उन अधिकारियों को बधाई दी जिन्हें उल्लेखनीय कार्यों के लिए भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। जिन पुलिसकर्मियों ने अपनी जिम्मेवारी निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनके परिवारों का कल्याण देश की पहली जिम्मेवारी होगी।
गृहमंत्री ने कहा कि देश में आतंकवाद को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस बल तथा खुफिया ब्यूरो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन समय के साथ हमारी चुनौतियां नया रूप ले रही हैं, इंटरनेट के माध्यम से किए जाने वाले अपराधों को रोकने के लिए भी हमारे पुलिस बल को दक्षता हासिल करनी होगी। आतंकवाद हो, आपदा नियंत्रण हो, सांप्रदायिक दंगे हों, औद्योगिक इकाईयां हों या तटवर्ती क्षेत्र, पुलिस और खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को सुरक्षा कायम रखने के लिए हर पल सचेत रहना पड़ता है। बढ़ते साइबर अपराधों का सामना करने के लिए पुलिस बल के प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारी इस सम्मेलन में सोच विचार करके एक ऐसी रणनीति तैयार करेंगे, जिसकी सहायता से एक संवेदनशील, आधुनिक तथा प्रभावी पुलिस बल तैयार हो, जो हमारे देश की विभिन्न सुरक्षा-संबंधी चुनौतियों का सामना कर सके। शिंदे ने कहा कि पुलिस चौकियां हमारी पूरी सुरक्षा-व्यवस्था के केंद्र में है, इन पुलिस चौकियों में नई जान डालने की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यद्यपि कानून व्यवस्था राज्य सरकारों का दायित्व है, केंद्र सरकार इसे सुदृढ़ बनाने में राज्यों की पूरी सहायता करेगी।