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Friday 22 November 2013 07:24:21 AM
नई दिल्ली। आरएसईटीआई दिवस का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि इस कार्यक्रम के विस्तार के लिए इसका समेकन मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। उनका सुझाव था कि प्रत्येक जिले में आरएसईटीआई की इकाई न शुरू करके, संसाधनों को अगर पांच जिलों में उपयोग किया जाए तो बेहतर होगा, क्योंकि अच्छे प्रशिक्षकों की कमी है। कर्नाटक के ऊजिरे में वर्ष 1982 में ग्रामीण विकास एवं स्वयं रोज़गार प्रशिक्षण संस्थान की कामयाबी को देखते हुए आरएसईटीआई मॉडल को केंद्र ने अपनाया था।
इस समय देश में 566 आरएसईटीआई कार्यरत हैं और प्रशिक्षण के मॉड्यूल मंडी से जुड़े उद्यमों के विकास के उद्देश्य से बनाए गए हैं। प्रशिक्षण के बाद बैंकों से सहायता का भी प्रावधान है। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय में सचिव, एलसी गोयल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज गैर-कृषि कार्यों का महत्व बढ़ रहा है और आरएसईटीआई इन बातों पर ध्यान रखते हुए ग्रामीण युवाओं को स्व-रोज़गार के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आरएसईटीआई को ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा अन्य मंत्रालयों की अन्य प्रमुख योजनाओं के साथ जोड़े जाने से बेहतर परिणाम सामने आएंगे।