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Monday 25 November 2013 10:13:53 AM
नई दिल्ली। इस्पात मंत्रालय के सचिव जी मोहन कुमार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और आस्ट्रेलिया की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी की कार्यशाला में बताया है कि लघु क्षेत्र की स्टील मिलों में ऊर्जा खपत में कमी का कार्यक्रम 34 से 300 स्टील मिलों तक बढ़ा दिया गया है। इस्पात सचिव जी मोहन कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 31 लघु स्टील मिलों में ऊर्जा की खपत में 30 प्रतिशत तक की कमी लाई गई, जिससे उन्हें 40 करोड़ रूपये तक की बचत हुई।
जी मोहन कुमार ने बताया कि तीनों पक्षों की भागीदारी से इस कार्यक्रम को अब 300 स्टील मिलों तक बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में इस्पात का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और 65 प्रतिशत इस्पात लघु क्षेत्र की स्टील री-रोलिंग मिलों में बनता है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत देश में इस्पात का उत्पादन 14 करोड़ 90 लाख टन तक पहुंच जाने की संभावना है।
भारत में यूएनडीपी की प्रतिनिधि सुश्री लीजे ग्रांडे ने कहा कि स्टील मिलों में ऊर्जा खपत में कमी की नई प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल न केवल उत्पादन लागत में कमी लाता है, बल्कि पर्यावरण को बेहतर बनाने और स्टील मिलों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में भी योगदान करता है। कार्यशाला में सरकार, यूएनडीपी और आस्ट्रेलिया की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी के अधिकारियों के साथ 150 लघु स्टील मिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।