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Thursday 28 November 2013 04:55:07 AM
नई दिल्ली। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला ने इंडिया क्लीन कुक-स्टोव फोरम 2013 के दौरान ग्रामीण भारत के लिए स्वच्छ पाक कला लाने की नई पहल की घोषणा की है। उन्नत पाक कला प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ाने के दृष्टिगत राष्ट्रीय बायोमास कुक स्टोव कार्यक्रम-एनबीसीपी के बैनर तले नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा जर्मनी के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय की ओर से जीआईजेड विभाग ने संयुक्त रूप से ‘’इंडिया क्लीन कुक-स्टोव फोरम 2013’’ का आयोजन किया।
इस अवसर पर डॉ फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि स्वच्छ और कुशल चूल्हों के बढ़ते उपयोग से न केवल घरों के अंदर वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों पर अंकुश लगता है, बल्कि इससे बायोमास संसाधनों के अति प्रयोग से भी बचा जा सकता है। कुशल पाक कला तकनीक का गरीबों की आजीविका पर सीधा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इनके प्रयोग से ईंधन पर खर्च होने वाले धन और समय की बचत होती है।
डॉ अब्दुल्ला ने कहा कि कार्बन क्रेडिट की बिक्री की माध्यम से ग्रामीण उपभोक्ताओं को उन्नत चूल्हा प्रौद्योगिकी की लागत में कमी लाने की दिशा में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेम वर्क कन्वेंशन के क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज्म-सीडीएम के तहत विकसित बायोमास कुक स्टोव की अवधारणा लाकर एक पहल की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों को स्वच्छ और भरोसेमंद ऊर्जा मुहैया कराने की दिशा में कई संयुक्त प्रयासों में से यह एक प्रयास है।
जर्मन दूतावास में विकास-सहयोग विभाग के प्रमुख हइको वार्नकेन ने नवीकरणीय ऊर्जा के संदर्भ में भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे ग़रीबी उन्मूलन और पर्यावरण को बचाने में तो सहायता मिलेगी ही साथ ही ग्रामीण भारत की जनता को उनकी पाक जरूरतों को पूरा करने में भी यह सहयोगी होगी। इन प्रयासों से एक बार फिर भारत और जर्मनी के बीच घनिष्ठ संबंधों और सहयोग की पुष्टि हुई है।