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Monday 24 December 2012 05:54:15 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की जनता के नाम संदेश में कहा है कि दिल्ली में पिछले रविवार को सामूहिक बलात्कार की जो क्रूर आपराधिक घटना हुई, उस पर उसका आक्रोश स्वाभाविक और उचित है। इस संकटपूर्ण घड़ी में हम सब मिलकर उसके और उसके प्रियजनों के लिए प्रार्थना करें। उन्होंने कहा कि तीन बेटियों का पिता होने के नाते मैं भी आप सबकी तरह इस घटना से बहुत व्यथित हूं। मेरी पत्नी, मेरा परिवार और मैं सभी उस युवती के लिए चिंतित हैं, जो इस घृणित अपराध की शिकार हुई है। हम लगातार उसकी स्थिति और इलाज पर नज़र रखे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटना पर प्रतिक्रिया के रूप में विरोध प्रकट करने वाले प्रदर्शनकारियों और पुलिस बलों के बीच झड़पों पर भी उन्हें गहरा दुःख है। इस अपराधपूर्ण घटना पर गुस्सा उचित है, लेकिन हिंसा से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। उन्होंने सभी सम्बद्ध नागरिकों से शांति और संयम बनाये रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि कि हम देश में महिलाओं की सुरक्षा और सलामती सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव प्रयास करेंगे। इस बारे में जो कदम उठाये जा रहे हैं, उनके बारे में गृह मंत्री पहले ही बता चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम बिना किसी देरी के इस भयंकर अपराध पर व्यक्त प्रतिक्रियाओं का न केवल अध्ययन करेंगे, बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं की भी समीक्षा करेंगे और जो लोग ऐसे भयानक अपराध करते हैं, उनको क्या सज़ा दी जाये, इस पर गंभीरता से विचार करेंगे। सरकार इस संबंध में जो भी कदम उठायेगी और जो प्रक्रियाएं अपनायेगी, उस बारे में हम आपको जानकारी देते रहेंगे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे शांति बनाये रखें और हमारे प्रयासों में सहयोग दें।
उधर सरकार ने आपराधिक कानून में संभावित संशोधनों के बारे में सुझाव देने के लिए प्रख्यात न्यायविदों की एक समिति बनाने का फैसला किया है, ताकि महिलाओं के खिलाफ संगीन यौन अपराध करने वाले अपराधियों के विरूद्ध तेजी से सुनवाई करने और उन्हें कड़ी सज़ा देने का प्रावधान किया जा सके। भारत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जेएस वर्मा इस समिति के अध्यक्ष होंगे। हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति लीला सेठ और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम इस समिति के अन्य सदस्य होंगे। यह समिति 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
हाल की घटना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार किया है। सामूहिक दुष्कर्म मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने एक वक्तव्य में कहा है कि 16 दिसंबर, 2012 की सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर सरकार काफी चिंतित है। पुलिस सभी छह अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनको सजा दिलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य इकट्ठे किए गये हैं और इस मामले में आरोप पत्र जल्द ही दाखिल किए जाएंगे। इस मामले की सुनवाई प्रतिदिन हो सके, इसके लिए सरकार न्यायालय से फास्ट ट्रैक न्यायालय के जरिए त्वरित सुनवाई का आग्रह कर रही है। इस घृणित अपराध में शामिल उस बस के ट्रांसपोर्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। इस ट्रांसपोर्टर के सभी नौ वाहनों के परमिट रद्द कर दिए गये हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार राजधानी के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों में भी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्ली में हाल ही में कई कदम उठाये गये हैं जिनमें रात्रि के समय बसों की संख्या बढ़ा कर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाना। सभी सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस लगाना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने निर्धारित मार्गों से अलग अन्य मार्गों न चलें। यह भी सुनिश्चित करना कि सार्वजनिक परिवहन में तैनात कर्मचारी पहचान पत्र रखें, जो सत्यापित हों। मनोरंजन केंद्रों और कार्यस्थलों से देर रात लौटने वाले परिवारों और महिलाओं के मार्गों में पुलिस वैन/मोटरसाइकिलों की गश्त को सक्रिय करना तथा इसे और बढ़ाना।
गृहमंत्री ने कहा कि इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए सरकार एक कठोर कानून बनाएगी और आपराधिक कानून में संशोधन के लिए शीघ्र ही कदम उठाएगी, ताकि इस तरह के अत्यंत दुर्लभ यौन उत्पीड़न के मामलों में बड़ी और अधिक कारगर सजा दी जा सके। सरकार जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत एक जांच आयोग का गठन करेगी जो इस भंयकर अपराध पर हुई प्रतिक्रियाओं की समीक्षा करेगी साथ ही राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए उपाय सुझाएगी।