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Friday 13 December 2013 05:39:48 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के उद्यम विभाग के सहयोग से भारतीय परिसंघ, (सीआईआई) के वैश्विक लोक उद्यम शिखर सम्मेलन का विज्ञान भवन में उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय लोक उद्यम हमारे देश के औद्योगिक परिदृश्य के अभिन्न अंग रहे हैं, इन्होंने भारतीय उद्योग के प्रजनकों तथा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता में सहयोग दिया है, औद्योगिक समुदाय के नेता एवं आदर्श नियोक्ता के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने कई प्रकार से योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को सबसे बड़ी चुनौती बाजारी ताकतों से जूझने के लिए अपनी प्रतिस्पर्धात्मक शक्ति को बढ़ाना है, प्रबंधन को उच्चतम पेशेवर स्तर पर अपनाना होगा, इसे उत्पादकता तथा कार्यकुशलता के वैश्विक मानदंडों को पूरा करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक विकास के अभिरक्षक होने के नाते सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से उच्चस्तर के सामाजिक सरोकार की अपेक्षा की गई है। यद्यपि केंद्रीय क्षेत्र के लोक उद्यम पहले से ही कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारियां निभा रहे हैं, उन्हें कंपनीज अधिनियम 2013 में दिए गए प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए निजी क्षेत्र के अपने समकक्षों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करने की जरूरत पड़ेगी। इस अवसर पर केंद्रीय भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री प्रफुल्ल पटेल, सीआईआई के अध्यक्ष एस गोपाल कृष्णन, भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के उद्यम विभाग के सचिव ओपी रावत, लोक उद्यम की सीआईआई परिषद के अध्यक्ष बीपी राव एवं भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भी उपस्थित थे।