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यूपी में कितनी पीड़ितों को मिली नौकरी व मदद?

मायावती ने गैंगरेप पीड़ित की मौत पर दुःख जताया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 29 December 2012 08:56:00 AM

mayawati

नई दिल्‍ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली गैंगरेप पीड़ित लड़की की मौत पर गहरा दुःख व शोक जताया है और इस घटना के सभी आरोपियों को यथाशीघ्र सख्त सजा दिलवाने और इसके साथ-साथ पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिये सख्त कानून बनाने की केंद्र सरकार से माँग की है। एक बयान में उन्होंने यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार प्रदेश में अब तक बड़ी संख्या में महिलाओं पर हुई बलात्कार आदि की घटनाओं के दोषियों को जल्दी से जल्दी सख्त सजा दिलवाने की पहल करे, साथ ही, वह जनता को यह भी बताए कि उसने इस किस्म की पीड़ित महिलाओं को अभी तक कितनी नौकरी व आर्थिक सहायता प्रदान की है और इसके साथ-साथ दोषियों को क्या सख्त सजा दिलाई गई है।
मायावती ने कहा है कि बलात्कार पीड़ित महिला को नौकरी व आर्थिक सहायता की बात करना समस्या का सही समाधान नहीं है, बल्कि दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाकर कानून का राज स्थापित करने की सख्त जरूरत है। मायावती ने गैंगरेप की पीड़ित लड़की की मौत के दुःख को सहन करने की परिवार को शक्ति प्रदान करने की कुदरत से प्रार्थना की एवं इस जघन्य घटना के सभी आरोपियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलवाने की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के साथ ही देश में महिलाओं की समुचित सुरक्षा व्यवस्था हेतु सख्त कानून बनाने की केंद्र सरकार से जोरदार माँग की है।
मायावती ने आज यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहाकि इस प्रकार के बर्बर व जघन्य अपराधों के मामलों में भी अक्सर यह देखा जाता है कि वारदात के बाद सरकारें सुस्त पड़ जाती हैं और दोषियों को सख्त सजा नही मिल पाती है, जिसके खिलाफ सर्वसमाज का व्यापक आक्रोश व बेचैनी पूरी तरह से जायज है। इसी कारण उन्होंने संसद में और संसद के बाहर भी केंद्र सरकार से महिला उत्पीड़न के खिलाफ ऐसा सख्त कानून बनाने की माँग भी की, जिससे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, उनको मिलने वाली सख्त सजा का खूब प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए, ताकि इस प्रकार की दूषित मानसिकता रखने वाले लोग भी महिलाओं के खिलाफ अपराध करने की बात सोचने से पहले दस बार सोचें। इस प्रकार के मामलों की गंभीरता को समझते हुए मायावती ने 23 दिसंबर को प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ देश भर में महिलाओं में व्याप्त असुरक्षा की भावना के मद्देनजर सख्त कानून बनाने हेतु संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गई थी, आज फिर उन्होंने अपनी मांग को दोहराया।
मायावती ने कहाकि खासकर महिलाओं की सुरक्षा के मामले में आज पूरा देश काफी ज्यादा चिंतित व गंभीर है। देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी महिलाएं काफी असुरक्षित हैं एवं उनके प्रति बलात्कार व अन्य जघन्य अपराघ की घटनाओं के कारण स्थिति काफी खराब व विस्फोटक है। प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद लगभग दस महीने में अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा बलात्कार व जघन्य अपराध की घटनाएं हो चुकी हैं। सपा सरकार पीड़ित लड़की को नौकरी व आर्थिक सहायता दिलाने की बात कर रही थी, जबकि पीड़ित लड़की को न्याय दिलाने के लिये पूरा देश एकजुट है, यह दुनिया ने भी देखा है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में बलात्कार व जघन्य अपराध की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए कहा कि सरकार के ढुलमुल रवैये पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया स्वभाविक है। यही कारण है कि सपा के शुभचिंतक व समर्थक भी उसकी आलोचना करते हुए पूछ रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में उत्पीड़न व बलात्कार की शिकार कितनी महिलाओं को सपा सरकार ने नौकरी व आर्थिक सहायता दी है एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुये कितने लोगों को सजा दिलाकर पीड़ित महिलाओं व उनके परिवारों को न्याय दिलाया है। इस संबंध में दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी का यह बयान भी उल्लेखनीय है कि सपा सरकार अपने गिरेबान में झांककर क्यों नहीं देखती कि उत्तर प्रदेश में सजा तो दूर, उनके खिलाफ प्रारंभिक कार्रवाई करके उन्हे जेल तक नही भेजा गया है और वे खुले घूम रहे हैं। खासकर उत्तर प्रदेश सरकार को, वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर अपराध नियंत्रण, महिला उत्पीड़न एवं बलात्कार आदि के मामलों में तत्काल काफी सख्त कदम उठाने की अहम जरूरत है।

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