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Thursday 26 December 2013 02:00:08 AM
नई दिल्ली। हथकरघा की सांस्कृतिक विरासत के कौशल की रक्षा करने और उसे पावरलूम तथा मिल में निर्मित कपड़ों से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए भारत सरकार ने देश के विभिन्न भागों में हथकरघा डिजाइन केंद्र स्थापित करने का निर्णय किया है। इन डिजाइन केंद्रों की गतिविधियों के दायरे को बढ़ाया गया और उसके अंतर्गत हथकरघा कपड़ों के विकास को शामिल किया गया है। इन सेवा केंद्रों का बुनकर सेवा केंद्र नाम रखा गया। इस समय देशभर में 25 बुनकर सेवा केंद्र काम कर रहे हैं। चार क्षेत्रों में ये केंद्र फैले हुए हैं। ये क्षेत्र हैं–पूर्वी क्षेत्र, दक्षिणी क्षेत्र, उत्तरी क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र। पूर्वी क्षेत्र में छह बुनकर केंद्र हैं, जबकि दक्षिणी और उत्तरी क्षेत्रों में सात-सात बुनकर केंद्र काम कर रहे हैं। पश्चिमी क्षेत्र में पांच बुनकर सेवा केंद्र मौजूद हैं।
सरकारी स्तर से जानकारी दी गई है कि ये सभी बुनकर सेवा केंद्र उत्पाद विकास के कार्य में लगे हैं, ताकि बुनकरी, डिजाइन तैयार करने और प्रसंस्करण के क्षेत्र में उपलब्ध विशेषज्ञता के आधार पर बाजार में बेचे जाने वाले उत्पादों का निर्माण संभव हो सके। ये केंद्र बुनकरी संबंधी तकनीकों, सहायक यंत्रों और उपकरणों के विकास का काम भी करते हैं। सभी केंद्रों में डिजाइन खंड, बुनकरी खंड, रंगने और छापने के खंड, फोटोग्राफी खंड तथा प्रशासन खंड मौजूद हैं। सभी केंद्र नई तकनीक पर कंप्यूटर आधारित कपड़ा डिजाइनिंग प्रणाली से लैस हैं।