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Monday 6 January 2014 11:33:38 PM
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा है कि अखिलेश सरकारगुंडाराज में तब्दील हो गयी है, सपाई सत्ता के अहंकार में मनमानी पर उतारू हैं, नेतृत्व नसीहतें, चेतावनी देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है। घटनाओं को अंजाम दे रहे लोग अपने-अपने राजनैतिक आकाओं के भरोसे कानून ठेंगे पर रख कर चल रहे हैं। विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सपाईयों के लगातार विवाद अखबारों और चैनलों की सुर्खियां बन रहे हैं, उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सपा कार्यकर्ता होना कानून से ऊपर है?
विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जिन मामलों की जानकारी चैनलों और अखबारों तक पहुंच रही है, वे जानकारियां स्थानीय प्रशासन तक क्यों नही पहुंच रही है? और पहुंच रही है तो कार्रवाई में किसके आदेश की प्रतीक्षा हो रही है? जाहिर है कि ऊपर के आदेश के बगैर पत्ता नहीं खड़कना है, जब सब ऊपर के आदेश से ही हो रहा है, तो फिर सार्वजनिक रूप से चेतावनियों का क्या मतलब? उन्होंने कहा कि चाहे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव हों अथवा राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव, सभी सार्वजनिक मंचों से स्वीकार कर रहे हैं कि सपाई गुंडई रूकनी चाहिए, मगर सपाई गुंडई रोकने के उपाय नहीं हो रहे हैं। वे ऐसे कार्यकर्ताओं को संरक्षण दे रहे हैं।
भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश सरकार इन गुंडों पर लगाम नहीं लगा पा रही है, कानून का राज नहीं स्थापित कर पा रही है तो जिम्मेदार कौन है? उत्तर प्रदेश में पार्टी और सरकार दोनों के मुखिया तो अखिलेश यादव ही हैं तो जाहिर है जिम्मेदारी भी अखिलेश यादव की ही है? सपाईयों को सुधारने की नसीहतें नितांत खोखली हैं, क्योंकि यह संभव नहीं है कि सरकार न चाहे और उसके कार्यकर्ता उसके लिए चुनौती बने। उन्होंने कहा कि जाति, मजहब स्थान को ध्यान में रख आरोपियों पर कार्रवाई करती अखिलेश की पुलिस अब पिट रही है। बाराबंकी में तो दौड़ा-दौड़ा कर सिपाही की पिटाई की गयी, टोल प्लाजाओं पर हो रहे विवाद अलग हैं। कहीं विधायक पर जमीन कब्जाने की वजह से अनशन हो रहा है तो कहीं सपाईयों के डर से बंद कमरे में अनशन है।