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Thursday 9 January 2014 03:49:10 AM
नई दिल्ली। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने विदेशों में रह रहे भारतीयों का आह्वान किया है कि वे देश के जीवन मूल्यों, विश्वास, संस्कृति एवं विरासत की विदेशों में प्रसार प्रचार के लिए भारत के सर्वोत्तम संवाहक (एंबेसडर) बनें। प्रवासी भारतीय दिवस 2014 के दूसरे दिन ‘इंडिया सॉफ्ट पॉवर’ सत्र की अध्यक्षता करते हुए खुर्शीद ने कहा कि वे सामाजिक नेटवर्किंग में सक्रिय हों, ताकि भारत का ब्रांड नाम और छवि का निर्माण हो, जिससे विदेशों की अर्थव्यवस्था में आर्थिक पैंठ बन सके।
इस अवसर पर मौजूद संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्यायमंत्री कपिल सिब्बल ने प्रवासी सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2025 तक विश्व के शेष भाग को प्रेरित करने के साथ भारत की वर्तमान आकांक्षा की शुरूआत होगी, क्योंकि तब तक 90 करोड़ लोग काम करने की आयु प्राप्त कर चुके होंगे और परवर्ती सरकारों के लिए यह एकमात्र चुनौती होगी कि उन्हें संरचना एवं विकास के अवसर दिए जाएं, ताकि उनकी सामूहिक क्षमता का उपयोग हो सके। संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने भी संबोधित किया और कहा कि प्रवासियों को चाहिए कि वे अपने निवास के देशों में भारतीय सभ्यता विरासत एवं सांस्कृतिक धरोहर का प्रचार-प्रसार करें और विकास को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम आयोजित करें।
सरकार ने अनिवासी भारतीयों और भारतीय मूल के युवाओं के लिए 'भारत को जानो' कार्यक्रम की भी शुरूआत की है। इसका उद्देश्य उन्हें अपने देश और अपने मूल के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है, ताकि वे इसे और भी अधिक बेहतर ढंग से समझ सकें। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री वयालार रवि ने कहा कि कार्यक्रम के अधीन प्रत्येक वर्ष विभिन्न देशों में रहने वाले 18 से 20 वर्ष की उम्र के भारतीय मूल के 20 युवाओं को भारत का दौरा करने का अवसर मिलता है, इससे उन्हें भारतीय लोगों और भारतीय समाज को गहराई से समझने का मौका मिलता है।
प्रवासी मंत्री ने कहा कि लगभग 50 देशों के 900 से भी अधिक प्रवासी भारतीयों ने इस प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया है और सबसे अधिक 200 प्रतिनिधि मलेशिया से हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रवासी भारतीय केंद्र का काम पिछले वर्ष सितंबर में पूरा किया जाना था, किंतु यह काम अब बहुत जल्द ही पूरा होने वाला है।