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Saturday 18 January 2014 04:33:04 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 बच्चों को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। जिन बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा, उनमें 9 लड़कियां शामिल हैं। पांच पुरस्कार मरणोपरांत दिए जा रहे हैं। नई दिल्ली में भारतीय बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इच्छित भारत पुरस्कार साढ़े आठ वर्षीय दिल्ली की कुमारी महिका को दिया जाएगा, जिसने केदारनाथ (उत्तराखंड) की बाढ़ में अपने भाई की जान बचाई थी। प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार राजस्थान की 16 वर्षीय कुमारी मलिका सिंह को दिया जाएगा, जिसने अपने साथ छेड़छाड़ कर रहे लोगों से मुकाबला करते समय बहादुरी का परिचय दिया। संजय चोपड़ा पुरस्कार महाराष्ट्र के 17 वर्षीय शुभम संतोष चौधरी को दिया जाएगा, जिसने स्कूल वैन में आग लगने पर दो बच्चों की जान बचाई।
महाराष्ट्र के साढ़े 17 वर्षीय मास्टर संजय नवासू सुतार, महाराष्ट्र के 13 वर्षीय अक्षय जयराम रोज, उत्तर प्रदेश की 11 वर्षीय स्वर्गीय कुमारी मौसमी कश्यप और 14 वर्षीय स्वर्गीय मास्टर आर्यन राज शुक्ला को बापू गैधानी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। जयराम रोज और संजय सुतार ने एक तेंदुए का मुकाबला करने में जबरदस्त साहस दिखाया था। मौसमी कश्यप और आर्यन ने अन्य लोगों को डूबने से बचाने का प्रयास करते समय अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। जिन अन्य बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा, उनमें कुमारी शिल्पा शर्मा (हिमाचल प्रदेश), मास्टर सागर कश्यप (नई दिल्ली), मास्टर अभिषेक एक्का (छत्तीसगढ़), मास्टर एसएस मनोज (कर्नाटक), मास्टर सुबीन मैथ्यू, मास्टर अखिल बीजू और मास्टर यदूकृष्णन वीएस (सभी केरल), मास्टर सौरभ चंदेल (मध्यप्रदेश) कुमारी तनवी नंद कुमार ओवहल और मास्टर रोहित रवि जनमांची (महाराष्ट्र), मास्टर कंजलिंगगनबा क्षेत्रीमयूम, कुमारी खरीबाम गुणीचंद देवी और स्वर्गीय मास्टर एम खइंगथेई (सभी मणिपुर), मास्टर वनलालरूआइया, कुमारी रेमलालरूआइलुआंगी, स्वर्गीय कुमारी मालसोमथुआंगी और कुमारी हनी गुरथिनथारी (सभी मिजोरम) और स्वर्गीय मास्टर एल मानियो चाचेई (नागालैंड) शामिल हैं।
चयनित बच्चे गणतंत्र दिवस 2014 से पहले प्रधानमंत्री से पुरस्कार ग्रहण करेंगे और गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे। पुरस्कार के रूप में इन्हें एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाएगी। सभी बच्चों को स्कूल की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री सहित अनेक अन्य गणमान्य व्यक्ति उनके सम्मान में समारोह आयोजित करेंगे। राज्य स्तर पर भी इनके सम्मान में समारोह आयोजित किए जाएंगे। वर्ष 1957 में पुरस्कार शुरू होने के बाद से भारतीय बाल कल्याण परिषद 871 बहादुर बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर चुकी हैं जिनमें 618 लड़के और 253 लड़कियां शामिल हैं।